Manisha Dhanwani
2 Dec 2025
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए फैसले के बाद Sanchar Saathi App को लेकर विवाद तेज हो गया था। इस ऐप को सभी नए मोबाइल हैंडसेट में प्री-इंस्टॉल करने के आदेश के बाद विपक्ष ने इसे नागरिकों की प्राइवेसी में हस्तक्षेप बताया। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ कहा कि, यह ऐप वैकल्पिक है और कोई भी इसे अपने फोन से हटा सकता है।
सिंधिया ने कहा कि, अगर आप इसे इस्तेमाल करना चाहते हैं तो एक्टिवेट करें, नहीं तो एक्टिवेट करने की कोई जरूरत नहीं है। इसे अपने डिवाइस में रखना या न रखना पूरी तरह यूजर की मर्जी है। इसका उद्देश्य सिर्फ नागरिकों को साइबर फ्रॉड और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाना है।
दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल निर्माता और इंपोर्टर्स को निर्देश दिया है कि, 28 नवंबर 2025 से जारी आदेश के 90 दिन के भीतर सभी नए मोबाइल हैंडसेट में Sanchar Saathi App इंस्टॉल होना चाहिए। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, ऐप का उद्देश्य है-
जानकारी के मुताबिक, बाजार में सेकेंड-हैंड, नकली और चोरी हुए डिवाइस तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे आतंकवाद और साइबर अपराध की जांच में मुश्किलें आती हैं।
IMEI नंबर की छेड़छाड़ वाले फोन नेटवर्क पर कई जगह एक साथ दिखाई दे सकते हैं। जिससे संदिग्धों की पहचान मुश्किल हो जाती है। Sanchar Saathi App इन समस्याओं को कम करने में मदद करेगा।
वहीं विपक्ष ने इस कदम की तीखी आलोचना की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे ‘जासूसी ऐप’ करार दिया और कहा कि, सरकार देश को तानाशाही की दिशा में ले जा रही है। उन्होंने कहा कि, नागरिकों को निजता का अधिकार है। हर किसी को बिना सरकार की नजर के परिवार और दोस्तों से संवाद करने की आज़ादी होनी चाहिए। यह सिर्फ फोन पर ताक-झांक नहीं है, बल्कि लोकतंत्र के लिए खतरा है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे बिग बॉस सर्विलांस करार देते हुए चेतावनी दी कि गुप्त तरीके से पर्सनल फोनों में सेंध लगाना स्वीकार्य नहीं होगा। विपक्ष का कहना है कि ऐप सिर्फ सुरक्षा के नाम पर नागरिकों की निगरानी का उपकरण बन सकता है।
सरकार का कहना है कि, Sanchar Saathi App सिर्फ सुरक्षा के लिए है, जासूसी के लिए नहीं। ऐप चोरी या नकली फोन को ट्रैक और ब्लॉक करने में मदद करेगा। नागरिकों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। यह ऐप साइबर फ्रॉड और डिजिटल धोखाधड़ी रोकने में सहायक टूल के रूप में काम करेगा। सिंधिया ने दोहराया कि, ऐप पूरी तरह वैकल्पिक है और किसी भी स्थिति में यूजर की प्राइवेसी प्रभावित नहीं होगी।