Shivani Gupta
3 Dec 2025
Garima Vishwakarma
2 Dec 2025
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष और कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की 4 दिसंबर को रायपुर सेंट्रल जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उन्हें कांकेर पुलिस ने फर्जी वन पट्टा मामले में 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। परिवार का आरोप है कि जीवन ठाकुर को बिना बताए कांकेर से रायपुर जेल भेज दिया गया। 2 दिन बाद उनकी अचानक मौत की खबर सामने आई, जिससे परिवार में आक्रोश है।
बताया गया कि रायपुर जेल में उनकी तबीयत अचानक खराब हुई। सुबह 4:20 बजे उन्हें मेकाहारा (अंबेडकर अस्पताल) में भर्ती किया गया। 7:45 बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि उन्हें शाम 5 बजे सूचना दी गई, जो गंभीर लापरवाही है।
मौत के 30 घंटे बाद भी परिजन अंतिम संस्कार नहीं कर रहे हैं। उनका आरोप है कि जेल प्रशासन ने बीमारी की जानकारी नहीं दी। रेफर करने की सूचना नहीं दी। अस्पताल में भर्ती होने की बात भी छुपाई गई। परिवार का कहना है कि जीवन ठाकुर पूरी तरह स्वस्थ थे।
जीवन ठाकुर चारामा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। मौत के बाद मायना गांव में आदिवासी समुदाय में आक्रोश बढ़ गया है। आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पीड़ित परिवार से मिलने गांव पहुंचेंगे।
परिजनों ने चारामा थाने में ज्ञापन देकर आरोप लगाया कि जेल प्रशासन ने गंभीर लापरवाही की।
यह सामान्य मौत नहीं, संदिग्ध और संभवतः हत्या है। उनकी मांग है कि मामले की मजिस्ट्रियल जांच हो और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
जीवन ठाकुर के खिलाफ चारामा थाने में मामला दर्ज था। आरोप लगे थे कि उन्होंने फर्जी वन पट्टा तैयार कराया।
मामला इन धाराओं में दर्ज था-
गोंडवाना समाज और अन्य आदिवासी संगठनों ने कहा कि यह सामान्य मौत नहीं। तीन दिन तक परिवार को कोई जानकारी नहीं मिली। पोस्टमार्टम परिवार की मौजूदगी में कराया जाए। मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जाएं। शव को सम्मानपूर्वक उनके गांव लाया जाए। परिवार को क्षतिपूर्ति दी जाए।
समाज के प्रमुख नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों में गृह विभाग विशेष जांच समिति नहीं बनाता, तो वे कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे।