मप्र कांग्रेस का उद्देश्य 2028 के विधानसभा चुनावों से पहले संगठन को मजबूती देना है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार ऐसे जिलाध्यक्ष जो लंबे समय से पद पर हैं और जिनके क्षेत्र में पार्टी की स्थिति कमजोर रही है, उन्हें हटाया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष इस बदलाव की लिस्ट को फाइनल कर चुके हैं और इसे 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद सार्वजनिक किया जा सकता है।
कांग्रेस के कई जिलों में जिलाध्यक्ष लंबे समय से एक ही पद पर बने हुए हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार कई जिलों में वरिष्ठ नेता कमलनाथ के कार्यकाल में जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे और अब पार्टी अध्यक्ष पटवारी अपनी नई टीम बनाने की तैयारी कर रहे हैं। ग्वालियर शहर अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, उज्जैन ग्रामीण अध्यक्ष कमल पटेल और शहडोल जिलाध्यक्ष सुभाष गुप्ता 2018 से पद पर हैं। इसी तरह, सतना शहर अध्यक्ष मकसूद अहमद लगभग 12 साल से पद पर हैं, जबकि ग्रामीण अध्यक्ष दिलीप मिश्रा 10 साल से कार्यरत हैं। नीमच के अध्यक्ष अनिल चौरसिया 7 साल से और खंडवा, रायसेन जैसे जिलों में कई सालों से जिलाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है।
कांग्रेस पार्टी के पीसीसी मीडिया विभाग के चेयरमैन मुकेश नायक ने कहा कि अहमदाबाद में होने वाला राष्ट्रीय अधिवेशन कांग्रेस की मप्र इकाई के संगठन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस अधिवेशन के बाद पार्टी प्रदेश में और अधिक प्रभावी भूमिका में दिखाई देगी और सरकार के सामने नए चुनौतीपूर्ण तरीके से खड़ी होगी।
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