इंदौरमध्य प्रदेश

PM Modi ने किया एशिया के सबसे बड़े Bio CNG Plant का लोकार्पण, बोले- जितने अच्छे इंदौर के लोग, उतना ही अच्छा बना दिया शहर

क्लीन सिटी के नाम से पूरी दुनिया में पहचाने जाने वाले इंदौर शहर में आज एशिया के सबसे बड़े CNG गोबर धन प्लांट का शुभारंभ हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लांट का वर्चुअली लोकार्पण किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि, हम जब छोटे थे, पढ़ते थे, तब इंदौर का नाम आते ही देवी अहिल्या बाई होलकर, महेश्वर और उनके सेवा भाव का ध्यान जरूर आता था। समय के साथ इंदौर बदला। ज्यादा अच्छे के लिए बदला। लेकिन, देवी अहिल्या जी की प्रेरणा को इंदौर ने कभी भी खोने नहीं दिया।

देवी अहिल्या जी के साथ ही इंदौर का नाम आते ही आज मन में स्वच्छता आती है। जितने अच्छे इंदौर के लोग होते हैं, उतना ही अच्छा उन्होंने अपने शहर को बना दिया है।

कचरा प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में बदला कचरे का पहाड़!

एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट इंदौर के नेमावर रोड पर देवगुराड़िया में बना हुआ है। 8 साल पहले जिस स्थान पर 15 लाख मीट्रिक टन कचरे के पहाड़ थे, अब वहां कचरा प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लग चुकी है। लोकार्पण के लिए देवगुराड़िया में होने वाले स्थानीय कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री हरदीपसिंह पुरी, राज्य मंत्री कौशल किशोर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री तुलसी सिलावट, उषा ठाकुर शामिल होंगे।100 एकड़ में फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड का नया नाम अब वेस्ट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एरिया होगा।

400 सिटी बस चलाएंगे नए प्लांट से मिलने वाली बायो सीएनजी से

कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि प्लांट की तीन बड़ी विशेषता है – यहां गीले कचरे से बायो सीएनजी बन रही है। सौर ऊर्जा उपयोग होगी और फिर उसी गैस से करीब 400 सिटी बसें चलाएंगे। जो कहीं ना कहीं शहर का प्रदूषण कम करने में भी कारगर सिद्ध होगी। कंपनी को इसके लिए 40 से 45 लाख की बिजली लगेगी। हम ग्राउंड की पेरीफेरी में सोलर प्लांट के लिए जगह उपलब्ध करवाएंगे। इसके अलावा यहां से निकलने वाली गैस का इस्तेमाल उद्योगों में भी किया जाएगा।

कचरे से होगी कमाई

एशिया के सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट नगर निगम इंदौर की इनकम तो बढ़ाएगा ही, इसके अलावा शहर की यातायात परिवहन सुविधा में भी सुधार होगा। इस प्लांट से नगर निगम कार्बन क्रेडिट कर करीब 8 करोड़ की इनकम हासिल करेगा। कचरे से इंदौर शहर अब पूरे 16 करोड़ हर साल कमाएगा।

गीले कचरे से गैस बनाने की प्रक्रिया

गैस बनने का प्रोसेस तीन चरणों में पूरा होगा। सबसे पहले डाइजेस्टर, उसके बाद बैलून, फिर कंप्रेस्ड होगा। इसके बाद शुद्ध मिथेन गैस रिफिल सेंटर में पाइप लाइन द्वारा पहुंचेगा।

150 करोड़ लागत, 550 मीट्रिक टन क्षमता

स्वच्छता में देश में सिरमौर इंदौर ने कचरे से ऊर्जा बनाने की सोच को धरातल में मूर्त रूप दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वेस्ट-टू-वेल्थ की अवधारणा को साकार किया है। गीले कचरे के निपटान हेतु 550 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट को 150 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किया गया है। प्लांट को स्थापित करने वाली एजेंसी आईआईएसएल (IEISL)नई दिल्ली द्वारा नगर निगम को प्रतिवर्ष 2.50 करोड़ रुपए प्रीमियम के रूप में अदा किया जाएगा।

17500 किलोग्राम बायो सीएनजी का होगा उत्पादन

इस प्लांट में प्रतिदिन 550 एमटी गीले कचरे (घरेलू जैविक कचरे) को उपचारित किया जाएगा, जिससे 17500 किलोग्राम बायो सीएनजी तथा 100 टन उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक कम्पोस्ट का उत्पादन होगा। इंदौर नगर निगम रोजाना करीब 600 टन गीला कचरा इकट्ठा करता है।

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यह प्लांट जीरो इनर्ट मॉडल पर आधारित है, जहां किसी प्रकार का अनुपचारित वेस्ट नहीं निकलेगा। यह देश का पहला और एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट होगा।

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