ताजा खबरराष्ट्रीय

पीएम मोदी ने ISS पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से की बात; इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय, 14 दिनों तक करेंगे वैज्ञानिक रिसर्च

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में मौजूद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की। पीएम कार्यालय ने इस संवाद की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। यह पहली बार है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISS पर मौजूद रहते हुए प्रधानमंत्री से संवाद कर रहा है, जो भारत के अंतरिक्ष अभियान में एक ऐतिहासिक क्षण है।

140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों के साथ गए हैं शुभांशु

इससे पहले पीएम मोदी ने बुधवार को शुभांशु और उनकी टीम को Axiom-4 मिशन की सफलता के लिए बधाई दी थी। उन्होंने कहा था कि भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष में गया यह मिशन वैश्विक सहयोग का प्रतीक है।

पीएम मोदी ने अपने संदेश में लिखा, “ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वे अपने साथ 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं लेकर गए हैं।”

Axiom-4 मिशन से पहुंचे अंतरिक्ष स्टेशन पर

Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला और उनके तीन अंतरराष्ट्रीय सहयोगी स्पेसएक्स के नए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर ISS पहुंचे। मिशन को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया। मिशन की कमान अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन संभाल रही हैं, जबकि शुभांशु इस मिशन के पायलट हैं। उनके साथ हंगरी के टिबोर कपू और पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की विस्नीव्स्की भी मिशन एक्सपर्ट के रूप में शामिल हैं।

14 दिनों तक अंतरिक्ष में होगा रिसर्च मिशन

ISS पर शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम 14 दिनों तक वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों में जुटी रहेगी। इन प्रयोगों में मुख्य रूप से मानव शरीर पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव, जैविक प्रक्रियाएं, नई दवाओं का विकास और मटीरियल साइंस से जुड़े प्रयोग शामिल हैं। उनका फोकस खासतौर पर भारतीय वैज्ञानिक नवाचार को अंतरिक्ष में परखने और वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने पर रहेगा। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बल्कि भारत की अंतरिक्ष नीति और वैश्विक सहभागिता के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 

संबंधित खबरें...

Back to top button