Garima Vishwakarma
3 Dec 2025
Hemant Nagle
3 Dec 2025
Shivani Gupta
3 Dec 2025
Shivani Gupta
3 Dec 2025
ग्वालियर। डॉग्स और कैट्स अधिकतर लोगों के पसंदीदा पालतू जानवर होते हैं, जिन्हें वे परिवार के सदस्य की तरह रखते हैं। अब ग्वालियर में इन्हें पालने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
ग्वालियर में अब डॉग्स और कैट्स पालने के लिए पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। नगर निगम ने यह फैसला शहर में बढ़ते डॉग बाइट मामलों के बाद लिया है। लंबे समय से देखा गया है कि लोग कुत्तों और बिल्लियों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए उन्हें पालते आ रहे हैं, लेकिन अब यह सिर्फ शौक तक सीमित नहीं रहेगा। ग्वालियर में अब यह एक नियमबद्ध प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।
नगर निगम ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जिम्मेदारी चिड़ियाघर प्रबंधन को सौंपी है। रजिस्ट्रेशन के लिए कुल 300 रुपये की फीस निर्धारित की गई है, जिसमें 200 रुपये सामान्य शुल्क और 100 रुपये अतिरिक्त शुल्क शामिल है। यह पंजीकरण एक वर्ष के लिए वैध रहेगा।
पालतू पशुओं के रजिस्ट्रेशन के लिए पशु मालिकों को कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे। इसमें एड्रेस प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड की फोटोकॉपी, बिजली बिल या ड्राइविंग लाइसेंस को मान्य किया गया है। इसके अलावा मालिक का वैध मोबाइल नंबर, दो रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो जिसमें वह अपने पालतू जानवर के साथ होनी चाहिए, और एंटी रैबीज वैक्सीनेशन कार्ड अनिवार्य होगा।
नगर निगम ने साफ किया है कि यदि कोई पशु मालिक अपने पालतू डॉग या कैट का पंजीकरण नहीं कराता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माना रजिस्ट्रेशन फीस के दस गुना तक हो सकता है। पंजीकरण के बाद पालतू पशु को एक ब्रांडिंग कोड जारी किया जाएगा। यह कोड पशु मालिक के पास रहेगा और किसी दुर्घटना या पालतू जानवर के गुम हो जाने की स्थिति में पहचान के लिए मददगार साबित होगा।
नगर निगम ने संकेत दिए हैं कि कुत्तों और बिल्लियों के अलावा अब अन्य पालतू पशु जैसे गाय, बैल, भेड़, बकरी और घोड़े भी रजिस्ट्रेशन के दायरे में लाए जाएंगे। अनुमान के मुताबिक ग्वालियर शहर में करीब 4 हजार पालतू जानवर हैं। ऐसे में नगर निगम के इस नए नियम से पशु मालिकों को अतिरिक्त जिम्मेदारी के साथ-साथ अपने पालतू जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मौका भी मिलेगा।
ग्वालियर नगर निगम की यह पहल जहां पालतू जानवरों की देखभाल को अधिक संगठित बनाएगी, वहीं शहर में डॉग बाइट जैसी घटनाओं पर भी नियंत्रण लगाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।