Naresh Bhagoria
21 Dec 2025
मुंबई। महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर विवाद एक बार फिर उभर आया है। मंगलवार सुबह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के ठाणे-पालघर प्रमुख अविनाश जाधव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। जाधव मीरा-भायंदर में रैली करने वाले थे, जिसकी पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी। रैली से पहले ही मंगलवार तड़के 3:30 बजे ठाणे स्थित उनके घर से उन्हें हिरासत में लिया गया।
भायंदर में 1 जुलाई को एक गुजराती फूड स्टॉल संचालक के साथ MNS कार्यकर्ताओं ने मारपीट की थी। उसका दोष सिर्फ इतना था कि उसने मराठी में बात नहीं की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में MNS कार्यकर्ता दुकानदार को मराठी में बात करने के लिए मजबूर करते हुए नजर आए और जब उसने विरोध किया, तो उसे थप्पड़ मार दिया गया।
इस घटना के बाद व्यापारियों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मीरा-भायंदर में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी और किसी भी प्रकार की रैली या प्रदर्शन पर रोक लगा दी।
पुलिस उपायुक्त प्रकाश गायकवाड़ ने सोमवार को ही आदेश जारी कर अविनाश जाधव के मीरा-भायंदर में प्रवेश पर एक दिन की रोक लगा दी थी। आदेश में कहा गया कि जाधव पर पहले से 28 आपराधिक मामले दर्ज हैं और उनकी मौजूदगी से क्षेत्र की शांति भंग हो सकती है।
MNS प्रमुख राज ठाकरे ने हाल ही में मराठी भाषा के समर्थन में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में रहने वाले हर व्यक्ति को मराठी बोलनी चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसी को मारने की जरूरत नहीं है, लेकिन यदि कोई जानबूझकर विरोध करे, तो उसे थप्पड़ मारा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप किसी को पीटते हैं तो उसका वीडियो मत बनाइए।
महाराष्ट्र सरकार ने अप्रैल में पहली से पांचवीं कक्षा तक तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य किया था। इससे भाषा विवाद और गहरा गया। बाद में यह शर्त जोड़ी गई कि यदि एक कक्षा में 20 से अधिक छात्र किसी अन्य भारतीय भाषा को चुनते हैं, तो वह भी पढ़ाई जा सकती है। हालांकि, मराठी भाषा को लेकर सियासत गरमा गई है।