Manisha Dhanwani
27 Sep 2025
Shivani Gupta
25 Sep 2025
मिशिगन। अमेरिका एक बार फिर गोलीबारी की घटनाओं से दहल उठा है। रविवार को मिशिगन राज्य के ग्रैंड ब्लैंक शहर में स्थित एक चर्च में हुई फायरिंग ने पूरे देश को झकझोर दिया। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 लोग घायल हो गए। घटना के बाद चर्च में आग लग गई थी, जिसकी वजह से चर्च पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
इससे एक दिन पहले शनिवार रात नॉर्थ कैरोलिना में एक रेस्टोरेंट में गोलीबारी हुई, जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई। दोनों घटनाओं ने अमेरिकी समाज में सुरक्षा और हथियारों के आसान इस्तेमाल को लेकर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
रविवार सुबह करीब 10:30 बजे ग्रैंड ब्लैंक शहर के चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर-डे सेंट्स (LDS) में अचानक एक हमलावर वाहन से दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस वारदात में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ में हमलावर ढेर हो गया। अधिकारियों के अनुसार हमलावर की उम्र लगभग 40 साल थी।
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि संदिग्ध हमलावर सिर्फ फायरिंग ही नहीं बल्कि चर्च को आग लगाने की भी योजना बनाकर आया था। उसके पास एक्सीलरेंट (गैसोलीन उत्पाद) मिला है। वारदात के बाद चर्च में भीषण आग लग गई, जिससे पूरी इमारत क्षतिग्रस्त हो गई।
अभी तक यह साफ नहीं है कि, आग हमलावर के लाए सामान से लगी या किसी और कारण से। फिलहाल पुलिस ने पूरे इलाके को खाली करवा दिया है और राहत व बचाव कार्य जारी है।
घटना के बाद FBI चीफ काश पटेल ने कहा- “पूजा स्थल पर हमला कायराना कृत्य है। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।”
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस गोलीबारी को सीधे-सीधे अमेरिकी ईसाई समुदाय पर हमला बताया और हिंसा को रोकने की अपील की।
शनिवार रात नॉर्थ कैरोलिना के साउथपोर्ट शहर में स्थित "अमेरिकन फिश कंपनी" रेस्टोरेंट में भीषण गोलीबारी हुई। पुलिस के अनुसार रात करीब 9:30 बजे एक नाव कैप फीयर नदी पर रेस्टोरेंट के पास आकर रुकी और उसमें बैठे हमलावर ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
इस हमले में 3 लोगों की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए। कुछ ही देर बाद यूएस कोस्ट गार्ड ने संदिग्ध को ओक आइलैंड पर हिरासत में ले लिया। उसकी पहचान 40 वर्षीय निगेल मैक्स एज के रूप में हुई है, जिस पर हत्या के आरोप दर्ज किए गए हैं।
मिशिगन और नॉर्थ कैरोलिना की ये दो घटनाएं एक बार फिर दर्शाती हैं कि अमेरिका में सामूहिक गोलीबारी की समस्या कितनी गंभीर है। पूजा स्थल और भीड़भाड़ वाली जगहों पर इस तरह के हमले सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चुनौती को उजागर करते हैं।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि, अमेरिका में हर साल सैकड़ों लोग गन वायलेंस की वजह से अपनी जान गंवाते हैं। सवाल यह भी है कि हथियारों की आसान उपलब्धता इन घटनाओं को किस हद तक बढ़ावा दे रही है।