Naresh Bhagoria
11 Dec 2025
मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट में गुरुवार (11 दिसंबर 2025) को राज्य के रिकॉर्ड में दर्ज आखिरी सक्रिय नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस नक्सली का नाम दीपक बताया गया है, जिसे प्रदेश का अंतिम रजिस्टर्ड नक्सली माना जा रहा था। उसकी सरेंडर के बाद राज्य सरकार मध्यप्रदेश को पूरी तरह नक्सल मुक्त घोषित किए जाने की बात कह रही है। हालांकि, इस संबंध में अभी आधिकारिक पत्र जारी नहीं हुआ है।
पिछले कुछ दिनों में लगातार हो रहे नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद से मुख्यमंत्री मोहन यादव कई मंचों पर कह चुके हैं कि मध्यप्रदेश अब Naxal Free MP Campaign के लक्ष्य को पूरा करने के करीब है। दीपक के सरेंडर ने इस अभियान को और मजबूती दी है।
सूत्रों के अनुसार, दो प्रमुख नक्सली- दीपक और रोहित ने बालाघाट जिले के कोरका सीआरपीएफ कैंप में सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया। बालाघाट लंबे समय से नक्सलियों की गतिविधियों का केंद्र रहा है, ऐसे में यह सरेंडर सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है।
पिछले कुछ महीनों से मध्यप्रदेश पुलिस और सुरक्षा बल लगातार नक्सल विरोधी ऑपरेशनों को अंजाम दे रहे हैं। इसके चलते कई नक्सली मुख्यधारा में आने को मजबूर हुए हैं। दीपक से पहले 21 नक्सली मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण कर चुके हैं। दिसंबर 2025 में ही बालाघाट में 77 लाख के इनामी नक्सली कबीर सहित 10 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण किया था।
इन लगातार सफल ऑपरेशनों के कारण बालाघाट और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय MMC (महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़) जोन का नक्सली नेटवर्क लगभग पूरी तरह टूट चुका है। अब इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बेहद कम हो गई हैं।
सरकार का कहना है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए पुनर्वास, आर्थिक सहायता और सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। उद्देश्य है कि वे हिंसा छोड़कर शांतिपूर्ण जीवन जी सकें और अपने परिवार को सुरक्षित भविष्य दे सकें।