
दंतेवाड़ा। देश की सुरक्षा में तैनात हमारे जवान अक्सर दुश्मनों से मुठभेड़ में अपनी जान जोखिम में डालते हैं, लेकिन उनकी कहानियां अक्सर सुर्खियों से दूर रह जाती हैं। छत्तीसगढ़ के बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी में नक्सल रोधी अभियान के दौरान सीआरपीएफ की 204 कोबरा बटालियन के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे ने ऐसा साहस दिखाया जो देशवासियों को गर्व से भर दे। एक घायल जवान को बचाते हुए वे स्वयं आईईडी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए और उनका एक पैर खोना पड़ा।
मौत से भरे पहाड़ों में अभियान
कर्रेगुट्टा पहाड़ी बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित एक अत्यंत संवेदनशील और दुर्गम क्षेत्र है। यह इलाका घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा है और नक्सलियों, विशेष रूप से कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा की गतिविधियों के कारण बेहद खतरनाक माना जाता है। ऐसे माहौल में कोबरा बटालियन के जवान नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे थे।
घायल जवान को बचाते हुए खुद बन गए निशाना
ऑपरेशन के दौरान एक जवान आईईडी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गया। सहायक कमांडेंट सागर बोराडे ने बिना देर किए खुद कमान संभाली और घायल जवान को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया। इसी दौरान एक और आईईडी ब्लास्ट हुआ, जिसमें उनका बायां पैर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया।
गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद सागर बोराडे ने होश नहीं खोया। खून से लथपथ हालत में भी उन्होंने टीम का मनोबल बनाए रखा। ऑपरेशन में तैनात मेडिकल टीम ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें तुरंत प्राथमिक इलाज दिया और एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया, जहां से उन्हें दिल्ली रेफर किया गया।
दिल्ली में इलाज जारी
दिल्ली में इलाज के दौरान डॉक्टरों को संक्रमण और लगातार रक्तस्राव को रोकने के लिए उनका बायां पैर काटना पड़ा। फिलहाल वे AIIMS दिल्ली के ICU में भर्ती हैं और डॉक्टरों के मुताबिक उनकी स्थिति अब स्थिर है।
कर्रेगुट्टा में तलाशी अभियान अब भी जारी
सागर बोराडे के घायल होने के बावजूद ऑपरेशन रुका नहीं है। कोबरा बटालियन और अन्य सुरक्षा बल लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं। नक्सलियों के ठिकानों को खत्म करने और इलाके को सुरक्षित करने के लिए सघन कार्रवाई जारी है।