BRS से के. कविता निलंबित, पूर्व CM केसीआर ने लिया बड़ा फैसला, पार्टी विरोधी बयानों के चलते हुईं सस्पेंड
हैदराबाद। भारत राष्ट्र समिति (BRS) में बढ़ते आंतरिक विवादों के बीच पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अपनी वरिष्ठ नेता और एमएलसी के. कविता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मंगलवार (2 सितंबर) को पार्टी अध्यक्ष और उनके पिता तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की। बीआरएस का कहना है कि कविता की गतिविधियां और हालिया बयान पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों के खिलाफ थे।
पार्टी विरोधी बयानबाजी बनी निलंबन की वजह
BRS ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि के. कविता की हाल की गतिविधियां पार्टी के लिए नुकसानदेह रही हैं। उनके लगातार पार्टी विरोधी बयानों और सार्वजनिक आलोचनाओं के चलते यह फैसला लिया गया। पार्टी ने स्पष्ट किया कि अनुशासन भंग करने वाले किसी भी नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अंदरूनी कलह और बढ़ता तनाव
सूत्रों के मुताबिक, पिछले कई हफ्तों से पार्टी के भीतर तनाव बढ़ता जा रहा था। निलंबन से एक दिन पहले ही कविता ने पार्टी सहयोगियों पर केसीआर की छवि को खराब करने का आरोप लगाया था। उन्होंने वरिष्ठ नेता टी. हरीश राव और पूर्व सांसद मेघा कृष्ण रेड्डी पर उनके पिता के खिलाफ भ्रष्टाचार का ठप्पा लगाने की साजिश करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने सांसद संतोष कुमार पर भी उन्हें पार्टी में हाशिए पर डालने की कोशिश का दावा किया।
2023 की हार के बाद से बढ़ी आलोचना
2023 में विधानसभा चुनाव में BRS की हार के बाद से ही कविता पार्टी नेतृत्व की रणनीतियों पर सवाल उठा रही थीं। उन्होंने भाजपा के साथ संभावित गठजोड़ का भी खुले तौर पर विरोध किया था। पार्टी का मानना है कि लगातार ऐसे बयानों से संगठन की एकजुटता कमजोर हुई और सार्वजनिक छवि पर असर पड़ा।
पार्टी की आधिकारिक घोषणा
BRS ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, 'एमएलसी के. कविता की हाल की गतिविधियां और पार्टी विरोधी काम बीआरएस को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस मसले को पार्टी नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। पार्टी अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने के. कविता को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है।'
पिता ने बेटी के खिलाफ उठाया कड़ा कदम
इस निलंबन का सबसे अहम पहलू यह है कि फैसला उनके पिता और पार्टी अध्यक्ष केसीआर ने खुद लिया। यह कदम न सिर्फ कविता के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा असर डाल सकता है, बल्कि पार्टी में चल रहे अंदरूनी मतभेदों को भी और उजागर कर गया है।