Priyanshi Soni
24 Oct 2025
Shivani Gupta
24 Oct 2025
Aakash Waghmare
24 Oct 2025
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। सोमवार देर रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बना दिए हैं। हालात बिगड़ने पर श्री माता वैष्णो देवी यात्रा को अस्थाई रूप से स्थगित करना पड़ा। कटरा से अर्धकुंवारी के पास लैंडस्लाइड की वजह से कुछ लोग घायल भी हुए हैं। प्रशासन और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों से सतर्क रहने और केवल आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करने की अपील की है।
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि तेज बारिश के चलते सबसे पहले हिमकोटि मार्ग बंद किया गया था, लेकिन मौसम में सुधार न होने पर यात्रा को पूरी तरह रोकना पड़ा। अर्धकुंवारी के पास हुए भूस्खलन में कई श्रद्धालु घायल हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और स्थिति सामान्य होने पर यात्रा को दोबारा शुरू किया जाएगा। बोर्ड ने साफ किया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

तेज बारिश से रावी नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिस कारण रंजीत सागर डैम के सभी गेट खोल दिए गए। इससे जम्मू, कठुआ, सांबा, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। निचले इलाकों के लोग जलमग्न हो गए हैं और प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में न जाने की सलाह दी है। आपात स्थिति में 112 पर कॉल करने की अपील की गई है।
भारतीय मौसम विभाग ने जम्मू क्षेत्र के लिए रेड वार्निंग जारी करते हुए मंगलवार को कई इलाकों में ‘बेहद भारी बारिश’ की आशंका जताई है। मंगलवार सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई। जम्मू में 93 मिमी, सांबा में 136 मिमी, कठुआ के बुर्मल में 97.5 मिमी, रियासी में 84 मिमी और भद्रवाह में 92 मिमी बारिश मापी गई।
डोडा जिले में मंगलवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें 10 से 15 घर बह गए। जिले में पिछले 24 घंटे में 4 लोगों की मौत भी दर्ज की गई है। मृतकों की पहचान और इलाकों की जानकारी प्रशासन ने अब तक साझा नहीं की है।
लगातार बारिश से जम्मू-कश्मीर में शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। दो दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जम्मू-श्रीनगर और बटोटे-किश्तवाड़ सहित कई राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हैं। रेल सेवाएं भी बाधित हो गई हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह से प्रभावित है।
इस बीच हिमाचल प्रदेश में भी हालात बिगड़ रहे हैं। कुल्लू और मनाली में ब्यास नदी और अन्य नालों के उफान पर आने से 20 से ज्यादा घर, दुकानें और रेस्टोरेंट बह गए। 30 से ज्यादा घर खतरे में हैं। कुल्लू-मनाली रोड का एक हिस्सा ब्यास नदी में समा गया है, जिससे मनाली का जिला मुख्यालय से संपर्क कट चुका है।
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश दोनों जगह प्रशासन अलर्ट मोड पर है। SDRF और अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन लगातार बारिश से हालात और बिगड़ने का खतरा बना हुआ है।