जबलपुर। जबलपुर में ब्लैकमेलिंग करने वाली एक गैंग पकड़ी गई है। ये लोग फर्जी तरीके से पुलिस, क्राइम ब्रांच टीम, पत्रकार और हिंदूवादी संगठन के सदस्य बनकर फिल्मी स्टाइल में घरों में रेड मारते थे। घर में मिलने वाली महिलाओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर पैसे मांगे जाते थे।
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मदनमहल थाने में गुरुवार देर रात तिलवारा इलाके की एक महिला ने बताया कि नामतद आरोपी आपत्तिजनक वीडियो बनाकर एक लाख रुपए मांग रहे हैं। पैसे ना मिलने पर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहे हैं। महिला का कहना था कि उसका पति पैसे नहीं देता है। बेटा भी काफी बीमार था। वह 25 जुलाई को शुक्ला नगर अंजनी विहार में रहने वाली अपनी एक सहेली के घर पैसे उधार लेने गई थी।
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उसके मकान में टॉयलेट के लिए गई, तभी नीचे से कुछ लोग नारेबाजी करते हुए आ गए। इनमें अर्पित ठाकुर, जेपी सिंह और उनके साथ कुछ अन्य लड़के थे। वे टीवी चैनलों की माइक आईडी लेकर घूमते रहते हैं, इस कारण उनके नाम वह जानती है। आरोपियों ने उसके आपत्तिजनक वीडियो बना लिए। उस पर आरोप लगाने लगे कि वह वैश्यावृत्ति कर रही थी। मकान में मौजूद उसकी सहेली और दो अन्य युवतियों के साथ भी मारपीट की। मौके पर पुलिस पहुंची तो सभी कुछ देर बाद निकल गए।
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आरोपियों को पैसे नहीं दिए तो आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर दिया
महिला का कहना था कि आरोपी जेपी सिंह और अर्पित ठाकुर ने धमकाया कि हमारी टीम के खर्च के लिए एक लाख रुपए दो, नहीं तो तुम्हारा आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर देंगे। जब पैसे नहीं दिए तो उन्होंने मेरा आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। पुलिस ने महिला की शिकायत पर अर्पित ठाकुर, रवि बेन, जेपी सिंह, शैलेंद्र गौतम, पंकज गुप्ता, संतोष जैन समेत अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया। इसके साथ ही चार आरोपी पंकज उर्फ अरुण गुप्ता, विवेक मिश्रा, जेपी सिंह, संतोष जैन को गिरफ्तार कर लिया।
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इस तरह ब्लैकमेल करता था पूरा गैंग, लड़कियां भी शामिल
पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि ये गैंग पिछले तीन साल से शहर में ब्लैकमेलिंग का धंधा कर रही है। ये लोग पहले कुछ पुलिस वालों के साथ मिलकर भी ब्लैकमेलिंग करते थे। ये भी सामने आया है कि ये फर्जी गिरोह आसपास के इलाके में सक्रिय है। ये ग्रुप क्राइम ब्रांच अफसर और पत्रकार बनकर कई शराब तस्कर, जुआ फड़ चलाने वाले, देह व्यापार के अड्डे पर दबिश देकर लाखों रुपए की वसूली कर चुके हैं। गिरोह में कुछ लड़कियां भी शामिल हैं। इनके जरिए इंजीनियर, बड़े अधिकारी और कारोबारी को फंसाया जाता था। फिर क्राइम ब्रांच, पत्रकार और हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी बनकर ब्लैकमेल करते थे।