Garima Vishwakarma
19 Nov 2025
Aakash Waghmare
19 Nov 2025
Naresh Bhagoria
19 Nov 2025
Naresh Bhagoria
19 Nov 2025
इंदौर – शहर में लगातार कुछ दिनों के भीतर बसों में महिलाओं से छेड़छाड़ की वारदातों ने माहौल खौलाया हुआ है। नामी ट्रेवल्स कंपनियों की बसों में ड्राइवर-कंडक्टर तक महिलाओं को शिकार बनाने से नहीं चूक रहे। हालात ऐसे बन रहे हैं कि लोगों की जुबान पर एक ही सवाल घूम रहा है—“कहीं इंदौर भी निर्भया जैसी किसी दहशत का शहर तो नहीं बनने जा रहा?” 2012 की वो दिल दहला देने वाली निर्भया वारदात आज भी देश को कंपा देती है, और इंदौर में बसों के अंदर बढ़ती घटनाएँ उसी डर को फिर हवा देने लगी हैं।
इधर पुलिस कप्तान संतोष सिंह ने देर रात चलने वाली लंबी दूरी की बसों पर सख्त ड्रिंक-एंड-ड्राइव चेकिंग का आदेश दिया। शहर की सड़कों पर घूमती उन लापरवाह बसों के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान ने कई बार यात्रियों की जिंदगी बचाई है। अब इस चेकिंग के दायरे में चालक ही नहीं, बल्कि बस मालिकों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है—क्योंकि कई कंपनियाँ स्टाफ की हरकतों पर आंख मूंदकर बस पैसा बटोरने में लगी हैं।
इसी सख्त कार्रवाई का नतीजा है कि दो दिन पहले भोपाल से पुणे जा रही एक महिला ने बस में हो रही छेड़छाड़ की कहानी पुलिस को बताने की हिम्मत दिखाई। महिला ने बताया कि हाईवे पर निकलते ही सबसे पहले क्लीनर उसके पास आकर अनचाही बातें करने लगा। थोड़ी देर बाद कंडक्टर भी उसकी सीट के आसपास चक्कर लगाने लगा और बार-बार पीठ को छूने की कोशिश करता रहा। महिला को समझ आ चुका था—बस में मौजूद तीनों स्टाफ शराब के नशे में धुत्त थे और उसे अकेला समझकर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे।
महिला ने ड्राइवर से शिकायत की तो वो भी नशे में लड़खड़ाता दिखा। हालत बिगड़ती देख महिला बस रुकने का इंतजार करती रही। जैसे ही बस इंदौर के राजेंद्र नगर थाना के सामने पहुंची, संयोग से पुलिस उसी वक्त चेकिंग में जुटी थी। हिम्मत जुटाकर महिला बस से उतरकर पुलिस की ओर भागी और घटना बतानी शुरू की।
लेकिन जैसे ही बस के ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर ने महिला को पुलिस के पास जाते देखा—तीनों बस से कूदकर भाग निकले। पहली नजर में पुलिस को लगा था कि शायद ये तीनों शराब पीकर चेकिंग से बचने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जब महिला ने अपनी पूरी पीड़ा सुनाई, तो पुलिस भी हिल गई। तुरंत उसका आवेदन लिया गया और फरार तीनों की तलाश शुरू हो चुकी है।
डीसीपी कृष्ण लालचंदानी ने बताया कि घटना वाली रात वर्मा ट्रेवल्स की बस (एमपी 09 एजी 0336) भोपाल से पुणे जा रही थी। महिला अकेली यात्री थी और उच्च शिक्षा व नौकरी के सिलसिले में पुणे लौट रही थी। हाईवे पर बस बढ़ने लगी और उसी वक्त कर्मचारियों ने हरकतें शुरू कर दीं। महिला ने साफ कहा—“मैंने अकेले सफर पर भरोसा किया था, लेकिन बस में तीनों की नशेबाज़ी और उनके इरादे देख लगा कि कुछ बड़ा हो सकता है।”
शहर में लगातार सामने आ रहीं घटनाएँ बताती हैं कि इंदौर को अब बस हादसों से ज्यादा बसों में होने वाले ‘हमलों’ से डरने की जरूरत है। कानून और पुलिस ही नहीं, बस ऑपरेटरों को भी सबक सिखाने का वक्त आ चुका है—क्योंकि एक चूक किसी शहर का नाम हमेशा के लिए बदनाम कर सकती है।