vikrant gupta
8 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
गाजियाबाद। 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। इस वर्ष का थीम है- “भारतीय वायुसेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर”, जो देश की सैन्य शक्ति और स्वदेशी रक्षा उत्पादन में बढ़ती आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। इस बार का वायुसेना दिवस ऑपरेशन सिंदूर के वीर योद्धाओं को समर्पित है, जिन्होंने असाधारण साहस और समर्पण का प्रदर्शन किया था। इस मौके पर वायुसेना अपने 97 वीर योद्धाओं को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित करेगी।
वायुसेना दिवस की शुरुआत राष्ट्र की सर्वोच्च सेनानायिका राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की शुभकामनाओं से हुई। उन्होंने एक्स (X) पर पोस्ट कर लिखा- वायुसेना दिवस पर सभी वायु योद्धाओं, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को हार्दिक बधाई। वही पीएम मोदी ने भी बधाई दी है। दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन किया।
मुख्य आयोजन गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर हो रहा है। यहां वायुसैनिकों की भव्य परेड, सम्मान समारोह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का उद्बोधन होगा। इस बार आयोजन को दो हिस्सों में बांटा गया है- हिंडन पर परेड और गुवाहाटी में फ्लाई पास्ट। हिंडन एयरबेस पर इस बार राफेल और सुखोई-30 एमकेआई जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स आकर्षण का केंद्र होंगे। वहीं छह दशक सेवा देने वाला मिग-21 विमान, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुआ है, भी इस अवसर पर प्रदर्शित किया जाएगा।
इस वर्ष का फ्लाई पास्ट हिंडन की बजाय गुवाहाटी में 9 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं- दिल्ली-एनसीआर का बढ़ता एयर ट्रैफिक और घनी आबादी वाले क्षेत्र में बर्ड हिट का खतरा। गुवाहाटी में आयोजन करने से पूर्वोत्तर भारत को भी वायुसेना की क्षमताओं का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा। मौसम को ध्यान में रखते हुए 9 नवंबर की तारीख तय की गई है ताकि फ्लाई पास्ट में किसी तरह की बाधा न आए।
वायुसेना दिवस 2025 का थीम “सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर” इस बात का संदेश देता है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में बने तेजस लड़ाकू विमान, आकाश मिसाइल सिस्टम और एयर डिफेंस रडार तकनीक ने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। यह दिन सिर्फ वायुसेना के गौरव का नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के आत्मविश्वास का भी प्रतीक बन गया है।