Aakash Waghmare
21 Oct 2025
Priyanshi Soni
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Shivani Gupta
20 Oct 2025
Shivani Gupta
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजनीति में एक बड़ा मोड़ तब आया जब सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) संस्थापक इमरान खान को 9 मई 2023 की हिंसा से जुड़े आठ मामलों में जमानत दे दी।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश याह्या अफरीदी कर रहे थे, उन्होंने यह आदेश दिया। इस बेंच में जस्टिस हसन अजहर रिजवी और जस्टिस मियां गुल हसन औरंगजेब भी शामिल थे। अदालत ने लाहौर हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें इमरान खान को जमानत देने से इनकार किया गया था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने अभियोजन पक्ष से कई सख्त सवाल पूछे। मुख्य न्यायाधीश ने यह स्पष्ट किया कि जब इसी तरह के मामलों में पीटीआई नेताओं को पहले जमानत दी जा चुकी है, तो खान का मामला अलग कैसे हो सकता है।
विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी ने तर्क दिया कि जमानत आदेश हमेशा अस्थायी होते हैं और मुकदमे की कार्यवाही पर इसका सीधा असर नहीं पड़ता। उन्होंने 1996 से 2024 तक के कई उदाहरण भी अदालत के सामने रखे। हालांकि, अदालत ने यह कहा कि इससे पहले भी षड्यंत्र जैसे आरोपों वाले मामलों में जमानत दी गई है। ऐसे में अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि इमरान खान का मामला किस तरह अलग है। यही वजह रही कि अदालत ने सुनवाई के बाद इमरान खान की जमानत मंजूर कर ली। अदालत ने कहा कि विस्तृत लिखित आदेश बाद में जारी किया जाएगा।
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इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई 2023 को पाकिस्तान के कई हिस्सों में उनके समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किए थे। इस दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर भी हमले हुए थे। इन घटनाओं के बाद खान के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए। सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला इन्हीं मामलों से जुड़ा है। हालांकि, यह राहत उनके लिए आंशिक है क्योंकि वे अभी भी कई अन्य मामलों का सामना कर रहे हैं।
इमरान खान इस समय रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। उन्हें अगस्त 2023 से तोशाखाना या सरकारी गिफ्ट मामले में सजा मिली हुई है। इसके अलावा, 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में भी वे दोषी करार दिए गए हैं।
यानी सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बावजूद फिलहाल उनकी रिहाई की संभावना नहीं है। इसके अलावा, 9 मई की हिंसा से जुड़े अन्य मामलों में भी उनके खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं।