Shivani Gupta
16 Sep 2025
Shivani Gupta
15 Sep 2025
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की डिबेट में भारत की ओर से उपस्थायी प्रतिनिधि और राजदूत आर रवींद्र ने कहा कि पिछले साल सात अक्टूूबर को इजराइल पर हुए आतंकी हमलों की भारत ने कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा कि इजराइल-हमास के बीच नौ महीने से चल रहे युद्ध के चलते मानवीय संकट बढ़ रहा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इजराइल-हमास युद्ध के चलते बढ़ रहे मानवीय संकट पर गहरी चिंता जताई है।
भारत ने कूटनीति और बातचीत के जरिये दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को कम करने और शांति अपनाने पर जोर दिया। मध्य-पूर्व क्षेत्र में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की डिबेट में भारत की ओर से उपस्थायी प्रतिनिधि और राजदूत आर. रवींद्र ने कहा कि पिछले साल सात अक्टूबर को इजराइल पर हुए आतंकी हमलों की भारत ने कड़ी निंदा की थी।
उन्होंने कहा कि इजराइल-हमास के बीच नौ महीने से चल रहे युद्ध के चलते मानवीय संकट बढ़ रहा है। यह चिंताजनक है। इस युद्ध में सैकड़ों नागरिकों की मौत की हम निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने तत्काल संपूर्ण युद्ध विराम का आह्वान किया है। साथ ही गाजा पट्टी में समय-समय पर सुरक्षित मानवीय सहायता और मदद पहुंचाई। उन्होंने बंधक बनाए गए सभी लोगों की तत्काल बिना शर्त रिहाई करने की अपील भी की।
रवींद्र ने कहा कि ऐसे मामले में कतर और मिस्र की सराहना करते हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि भारत इजराइल और फिलीस्तीन दोनों की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने कई बार अलग-अलग मंचों पर अपनी स्थिति साझा की, जिसके तहत भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि भारत का लंबे समय से दोनों राज्यों के बीच सहयोग के जरिए समाधान का रास्ता निकालने की बात कहता रहा है। इसके तहत सहमत सीमाओं के भीतर फिलीस्तीन में एक संप्रभु, स्वतंत्र राज्य की स्थापना हो। ताकि वह इजराइल के साथ शांति से सीमाएं और सुरक्षा आवश्यकता साझा कर सके।
यरूशलम। इजराइल के दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बिन-ग्वीर ने गुरुवार सुबह यरूशलम के सबसे संवदेनशील धार्मिक स्थल का दौरा किया और गाजा युद्ध विराम वार्ता को बाधित करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वह बिना किसी बेतुके समझौते के, बंधकों की वापसी के लिए प्रार्थना करने यरूशलम में पहाड़ी क्षेत्र में स्थित अल-अक्सा मस्जिद गए थे। बेन-ग्वीर के इस कदम से नौ माह से जारी इजराइल-हमास युद्ध में संघर्ष विराम समझौते के लिए की जा रही संवेदनशील वार्ता बाधित होने का खतरा है। कुछ दिन बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू अमेरिका जाने वाले हैं, जहां वे अमेरिकी संसद को संबोधित करेंगे।