Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
बेंगलुरु। भारत की रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र की अग्रणी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। HAL को ISRO और IN-SPACe ने स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट सौंपा है। यह कॉन्ट्रैक्ट 511 करोड़ रुपए में HAL को मिला है, जिससे वह देश की तीसरी रॉकेट निर्माण करने वाली कंपनी बन गई है। इससे पहले केवल स्काईरूट एयरोस्पेस (हैदराबाद) और अग्निकुल कॉसमॉस (चेन्नई) इस क्षेत्र में सक्रिय थे।
बेंगलुरु स्थित HAL ने 511 करोड़ रुपए की सबसे प्रतिस्पर्धी बोली लगाकर यह कॉन्ट्रैक्ट जीता। इस रेस में अल्फा डिजाइन (बेंगलुरु) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) (हैदराबाद) भी शामिल थीं। पहले चरण में 9 कंपनियों में से 6 को शॉर्टलिस्ट किया गया, फिर अंतिम दौर में HAL, BDL और अल्फा डिजाइन को जगह मिली। पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन समेत विशेषज्ञों की कमेटी ने HAL को विजेता चुना।
SSLV (स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) एक कम लागत वाला छोटा रॉकेट है, जो 500 किलो तक के सैटेलाइट को 400-500 किमी ऊंची लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचा सकता है।
भारत अभी वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में मात्र 2% हिस्सेदारी रखता है। सरकार का लक्ष्य इसे अगले दशक में 44 बिलियन डॉलर (3.81 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाना है। HAL के SSLV प्रोजेक्ट से भारत की प्राइवेट सेक्टर भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और देश को ग्लोबल स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च हब बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी।
HAL अब तक केवल फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर और अन्य रक्षा उत्पादों के निर्माण में अग्रणी थी। अब SSLV के साथ वह स्पेस सेक्टर में भी एंट्री कर रही है। यह कदम HAL के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा और भारत में सरकारी-निजी साझेदारी को भी सशक्त बनाएगा।
इस घोषणा के बाद HAL के शेयर में 1.18% की बढ़त देखी गई और यह 4,960 रुपए पर बंद हुआ।