Mithilesh Yadav
9 Nov 2025
Naresh Bhagoria
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ग्वालियर किले पर स्थित प्राचीन जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं के सामने प्रीति कुशवाह और उसके साथी लखन कुशवाह ने एक रील बनाई, जिसमें उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और जूते-चप्पल पहनकर इन प्रतिमाओं के पास बैठे। इस वीडियो के वायरल होते ही जैन समाज में गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने सोशल मीडिया पर इस कृत्य की कड़ी आलोचना की। रील में की गई अभद्र टिप्पणी से जैन समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।
जैन समाज ने ग्वालियर के एसएसपी धर्मवीर सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए वीडियो बनाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तारी की मांग की। समाज के सदस्यों ने यह भी कहा कि यह कृत्य जैन धर्म और उनकी धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। इसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए रात 12 बजे एफआईआर दर्ज की और दोनों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।
सोशल मीडिया पर बवाल मचने के बाद प्रीति कुशवाह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से विवादित वीडियो हटा लिया और एक नया वीडियो अपलोड कर माफी मांगी। इस वीडियो में प्रीति और लखन ने कहा कि उन्हें यह नहीं पता था कि ये प्रतिमाएं जैन धर्म की हैं। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए जैन समाज से क्षमा याचना की और इस तरह की गलती दोबारा नहीं करने का वादा किया।
इस पूरे विवाद पर जैन मुनिश्री विलोक सागर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस प्रकार की हरकतें पूरी तरह से गलत हैं, क्योंकि यह धार्मिक आस्था का मामला है। उन्होंने कहा कि दिगंबर जैन प्रतिमाओं को पूजा जाता है और भले ही वे खंडित हो चुकी हों, इसका यह मतलब नहीं कि उनका अपमान किया जाए। यह हमारे पूर्वजों की धरोहर है और इसका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। मुनिश्री ने कहा कि ऐसे लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
इस मामले में डबरा निवासी नरेन्द्र कुमार जैन ने बहोड़ापुर थाना में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि प्रीति और लखन द्वारा की गई इस हरकत से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच शुरू की।
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