
गुना। जिले की चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की विधायक प्रियंका पेंची के देवर अनिरुद्ध सिंह मीना विवादों से घिर गए हैं। उनके खिलाफ कृषि विभाग के उप संचालक ने एसपी को आवेदन देकर अपहरण, धमकाने और अड़ीबाजी की शिकायत की है। उप संचालक अशोक कुमार उपाध्याय ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए आवेदन में आरोप लगाया है कि विधायक के देवर ने उन्हें न केवल अपने दफ्तर में बुलाकर घंटों प्रताड़ित किया, बल्कि उन्हें मारपीट कर धमकी देते हुए 50 लाख रुपए भी मांगे।
एसपी को की गई शिकायत
अशोक उपाध्याय की शिकायत के अनुसार अनिरूद्ध ने विगत 21 जून को फोन कर उन्हें चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के पेैंची में बने अपने दफ्तर में बुलाया था। इस दौरान उप संचालक प्रशासनिक बैठक का शामिल होने का हवाला देते हुए बार-बार वापस जाने की बात कहते रहे लेकिन अनिरुद्ध सिंह उन्हें एक कमरे में ले गए। उपाध्याय का आरोप है कि इस दौरान उनसे जमकर मारपीट की गई और धमकी देते हुए 50 लाख रुपए भिजवाने को कहा गया। उप संचालक ने दावा किया कि वे सरकारी स्टाफ के साथ गए थे और उन्हें भी उनसे मिलने नहीं दिया गया। उपाध्याय का कहना है कि इस दौरान विधायक के देवर ने कलेक्टर, एसडीएम सहित चाचौड़ा थाना प्रभारी को भी अपशब्द कहे। उप संचालक का दावा है कि धमकी और मारपीट के बाद से वे काफी घबरा गए थे, इसलिए उन्होंने तीन दिन बाद इसकी शिकायत पुलिस को की। फिलहाल गुना एसपी ने इस आवेदन पर कार्रवाई शुरु नहीं की है।

विधायक ने अफसर पर ही लगाए गंभीर आरोप
इस मामले में चाचौड़ा की बीजेपी विधायक प्रियंका पेंची ने कृषि उप संचालक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि उनके देवर ने अशोक उपाध्याय को किसानों की समस्या पर चर्चा के लिए बुलाया था और इस दौरान किसी भी तरह का विवाद नहीं हुआ। प्रियंका ने उप संचालक पर पलटवार करते हुए कहा कि वे चांचौड़ा के बजाय जिले के बमौरी ब्लॉक में ज्यादा खाद और बीज भेज रहे थे, जिससे चाचौड़ा के किसान परेशान हो रहे हैं। प्रियंका ने दावा किया कि इस दौरान उपाध्याय ने कहा कि अन्य राजनेताओं की तरह चाचौड़ा विधायक भी पैसे ले लें। प्रियंका ने उनकी शिकायत को गलत करार देते हुए कहा कि वे किसानों की समस्याओं की शिकायत सरकार को करने वाली हैं और इसी कारण 4 दिन बाद उपाध्याय निराधार और असत्य शिकायत कर रहे हैं। अनिरुद्ध ने भी अपने खिलाफ ही शिकायतों को सिरे से खारिज करते हुए कहा गया है कि उन्होंने केवल सामान्य चर्चा करते हुए किसानों को हो रही खाद-बीज की समस्या के बारे में बताया था। इसके अलावा मारपीट या धमकाने जैसी कोई घटना नहीं हुई ।
(इनपुट – राजकुमार रजक)
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