Shivani Gupta
9 Oct 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार अब बॉन्ड अवधि पूरी करने के बावजूद चिकित्सकीय सेवाओं से गायब रहने वाले डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। उपमुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने निर्देश दिए हैं कि बॉन्ड डॉक्टरों की अस्पताल में मौजूदगी अब जीपीएस-इनेबल्ड ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम से ट्रैक की जाएगी। ऑफलाइन उपस्थिति और एनओसी जारी करने की पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।
मंत्रालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बॉन्ड अवधि पूरी करने वाले यूजी और पीजी डॉक्टरों के लिए जीपीएस-इनेबल्ड ऑनलाइन अटेंडेंस लागू किया जाएगा। यह सिस्टम सार्थक ऐप से जोड़ा जाएगा, जिसमें उपस्थिति केवल तभी दर्ज होगी जब डॉक्टर अस्पताल के जियो-रेफरेंस्ड क्षेत्र में मौजूद हों। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
शुक्ल ने कहा कि सॉफ्टवेयर में ऐसी व्यवस्था हो कि जब डॉक्टर की सेवा अवधि (सॉफ्टवेयर गणना के अनुसार) पूरी हो जाए, तभी स्वतः एनओसी जारी हो जाए। जिन डॉक्टरों ने बॉन्ड की शर्तों का पालन किया है, उन्हें एनओसी के लिए किसी तरह की अतिरिक्त परेशानी न उठानी पड़े। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि ऑफलाइन एनओसी जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त की जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, आयुक्त तरुण राठी, एमडी एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना, संचालक स्वास्थ्य दिनेश श्रीवास्तव, और एमडी एमपीएसईडीसी आशीष वशिष्ठ सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नई प्रणाली से डॉक्टरों की वास्तविक उपस्थिति सुनिश्चित होगी और प्रदेश के अस्पतालों में सेवाएं नियमित रूप से उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
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