Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स से जुड़े मामलों में अब कड़ा रुख अपनाते हुए गूगल और मेटा जैसी दिग्गज टेक कंपनियों को नोटिस भेजा है। एजेंसी का आरोप है कि, इन कंपनियों ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सट्टेबाजी ऐप्स के विज्ञापनों को प्रमोट किया और इन्हें प्रमुखता से स्थान दिया। अब दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को पूछताछ के लिए 21 जुलाई को बुलाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, गूगल और मेटा ने कई ऐसे ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स को प्रमोट किया जो खुद को ‘स्किल-बेस्ड गेम्स’ बताकर असल में सट्टेबाजी का अवैध धंधा चला रहे थे। इन ऐप्स के प्रचार-प्रसार के लिए बड़े-बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का सहारा लिया गया और विज्ञापनों के जरिए लाखों लोगों को इनसे जोड़ा गया।
यह पहली बार है जब भारत में कार्यरत किसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय टेक कंपनी को इस तरह के मामलों में सीधे तलब किया गया है। ईडी ने इसे ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ चल रहे अपने व्यापक अभियान का हिस्सा बताया है। इससे साफ है कि जांच अब सिर्फ ऐप डेवलपर तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रचार और डिजिटल सपोर्ट देने वाले प्लेटफॉर्म्स भी इसके दायरे में आ चुके हैं।
इससे पहले ईडी ने 29 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिनमें प्रसिद्ध अभिनेता, टीवी होस्ट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शामिल हैं। जिन नामों का उल्लेख हुआ है, उनमें अभिनेता प्रकाश राज, राणा दग्गुबाती और विजय देवरकोंडा जैसे लोकप्रिय चेहरे शामिल हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने अवैध सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार कर लोगों को गुमराह किया और बदले में मोटी रकम ली।
ईडी की जांच में सामने आया है कि कई ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स खुद को ‘स्किल-बेस्ड गेम्स’ बताकर कानून से बचने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन असल में ये ऐप्स सट्टेबाजी में लिप्त हैं और इनके जरिए करोड़ों रुपये की ब्लैक मनी कमाई जा रही है। इस रकम को हवाला और अन्य जटिल माध्यमों से इधर-उधर भेजा गया, ताकि सरकारी एजेंसियों की नजर से बचा जा सके।
गंभीर आरोपों के मद्देनजर अब गूगल और मेटा के प्रतिनिधियों को 21 जुलाई को ईडी के समक्ष पेश होना होगा। उनसे यह पूछा जाएगा कि किस आधार पर इन सट्टेबाजी ऐप्स को उनके प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन की अनुमति दी गई, क्या इनके कंटेंट की मॉनिटरिंग की गई थी और इनसे हुए वित्तीय लेन-देन की जानकारी भी मांगी जाएगी।