Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
Mithilesh Yadav
18 Nov 2025
Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
राजीव सोनी
भोपाल। मध्यप्रदेश के उज्जैन, मैहर, नलखेड़ा, देवास, सलकनपुर,रतलाम,रतनपुर और दतिया सहित अन्य कई नगरों की इकोनॉमी वहां मौजूद देवी मंदिरों के कारण उछाल पर है। दिनों दिन लाखों श्रद्धालु व पर्यटकों की बढ़ते 'फुट-फाल' के चलते ही कारोबार और रोजगार को चार चांद लग गए हैं। देवास, दतिया और सलकनपुर में निर्माणाधीन भव्य देवी लोक से भी धार्मिक पर्यटन बढ़ने लगा है। नवरात्र में शक्ति आराधना और माता मंदिरों की बदौलत इन शहरों का ऐश्वर्य-वैभव बस देखते ही बनता है।
देश में मौजूद 51 शक्ति स्थलों में से मप्र में 4 मंदिरों को शक्ति स्थल की मान्यता है। इनमें हरसिद्धि देवी उज्जैन, शारदा देवी मैहर और अमरकंटक में मौजूद 2 शक्तिपीठ हैं। धर्मस्व-संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि देवी मंदिरों में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ा है। इससे इन क्षेत्रों की इकोनॉमी में भी उछाल आया है।
मैहर: त्रिकूट पर्वत पर मां सरस्वती को समर्पित प्रमुख शक्तिपीठ। यहां माता सती के गले का हार गिरा था। नवरात्र में यहां हर दिन 2-3 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं।
उज्जैन: महाकाल की नगरी में शक्तिपीठ देवी हरसिद्धि और देवी अवंतिका मंदिर में हर दिन भक्तों भी भीड़ उमड़ती है।
सलकनपुर: मां बीजासन देवी की ख्याति देश भर में है। देवी लोक का निर्माण पूर्णता पर है। लाखों लोगों की आस्था यहां जुड़ी है।
अमरकंटक: यहां मौजूद शोणदेश नर्मदा शक्ति पीठ हजारों साल पुरानी बताई जाती है। देवी साधना के लिए यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है।
दतिया: सिद्धपीठ मां बगलामुखी का यह मंदिर तांत्रिक अनुष्ठान के लिए फेमस है। यहां नामी-गिरामी नेता-अभिनेता भी पहुंचते हैं।
नलखेड़ा: मां बगलामुखी के दरबार में तांत्रिक हवन-अनुष्ठान का सिलसिला दिन-रात चलता है।
देवास: चामुंडा व तुलजा भवानी माता का प्राचीन मंदिर जग प्रसिद्ध है। सरकार अब यहां देवी लोक का निर्माण करा रही है।