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ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध संकट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों को कड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा, “ईरान पर बम मत गिराओ, अपने फाइटर जेट्स को तुरंत वापस बुलाओ। ऐसा करना सीजफायर का गंभीर उल्लंघन होगा।”
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह ईरान और इजरायल दोनों से नाराज हैं, क्योंकि दोनों ही पक्षों ने सीजफायर की शर्तों का उल्लंघन किया है। ट्रंप ने एक बार फिर जोर देते हुए कहा कि अब युद्धविराम लागू हो चुका है और इसे हर कीमत पर बनाए रखना चाहिए।

डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी टिप्पणी करते हुए कहा, “ईरान की परमाणु क्षमताएं पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं और तेहरान दोबारा इसे कभी पुनर्जीवित नहीं करेगा।”
उन्होंने दो टूक कहा कि अगर ईरान या इजरायल में से कोई भी धर्म और सत्य के मार्ग से भटका, तो उसे बहुत कुछ खोना पड़ेगा। ट्रंप ने इस पूरे घटनाक्रम को दुनिया और मध्य-पूर्व के लिए निर्णायक मोड़ बताया।
23 जून की रात, ईरान ने कतर और इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर छह मिसाइलें दागी, जिससे तनाव और गहराया। कतर ने इस हमले को अपनी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। इसके बाद 24 जून को इजरायल ने ईरान पर सीजफायर तोड़ने का आरोप लगाया, जिस पर ईरान ने सफाई देते हुए कहा कि हमला सीजफायर से पहले किया गया था।
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने दावा किया कि उसने ईरान के मिसाइल लॉन्चर्स पर हमला किया, जो इजरायल पर संभावित हमले की तैयारी कर रहे थे।
नाटो शिखर सम्मेलन के लिए नीदरलैंड रवाना होने से पहले ट्रंप ने यह भी कहा, “ईरान और इजरायल मेरे पास लगभग एक ही समय पर आए और बोले- शांति। तब मुझे एहसास हुआ कि यह सही समय है। अब दुनिया और मिडिल ईस्ट असली विजेता हैं।”
उन्होंने भविष्य के लिए आशा जताते हुए कहा कि दोनों देश अगर प्रेम, शांति और समृद्धि के रास्ते पर चलें, तो उन्हें बहुत कुछ हासिल होगा।”