Peoples Reporter
7 Oct 2025
एंकोरेज। अलास्का के एंकोरेज स्थित ज्वाइंट बेस एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन पर डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति डोनाल्ड पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया। पुतिन करीब आधे घंटे विलंब से पहुंचे। इतनी देर तक ट्रंप ने उनका अपने विमान में ही इंतजार किया। दोनों नेताओं ने उत्साह से रेड कार्पेट पर हाथ मिलाया, एक-दूसरे के कंधे थपथपाए और फोटोग्राफरों को पोज दिए। इसके बाद वे डोनाल्ड ट्रंप की लिमोजिन में बैठकर पास के समिट स्थल तक गए। यह दोनों नेताओं की 2019 के बाद पहली आमने-सामने मुलाकात है। दोनों नेता पर्स्यूइंग पीस (शांति की खोज) लिखे नीले बैकड्रॉप के सामने बैठे। बंद कमरे में शुरू हुई इस शिखर बैठक में डोनाल्ड ट्रंप के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रूस के लिए उनके विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी मौजूद हैं। द्विपक्षीय बैठक में ट्रंप के साथ अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और चीफ ऑफ स्टाफ सूजी वाइल्स भी शामिल होंगे। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने यह जानकारी दी।
रूस की ओर से पुतिन के साथ विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप और ब्लादिमिर पुतिन के बीच होने वाली यह मुलाकात केवल दो देशों की नहीं, बल्कि पूरे यूरोप की स्थिरता, यूक्रेन की संप्रभुता और वैश्विक शक्ति-संतुलन पर असर डालने वाली एक बड़ी कूटनीतिक घटना है। डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह मौका उनकी शांति-स्थापक छवि को मजबूत करने का है, जबकि पुतिन इसे रूस की वैश्विक पुनर्स्थापना के प्रमाण के रूप में पेश कर सकते हैं। परिणाम चाहे जो भी हो, दुनिया की नजरें इस बैठक पर टिकी हैं, और हर कोई देख रहा है कि क्या यह बातचीत सच में युद्ध की आग को बुझा पाएगी या फिर यह सिर्फ़ एक राजनीतिक प्रदर्शन बनकर रह जाएगी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक शुरू होने से ठीक पहले यूक्रेन युद्ध से जुड़े पत्रकारों के सवालों का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। जैसे ही कई पत्रकारों ने एक साथ सवाल पूछना शुरू किया, पुतिन के चेहरे पर हल्का भ्रमित होने भाव दिखाई दिया। उनसे पूछा गया कि क्या वे युद्धविराम के लिए तैयार हैं, क्या वे आगे से और नागरिकों की हत्या न करने का वचन देंगे और क्यों ट्रंप को अब उनकी बात पर भरोसा करना चाहिए। इन सवालों के बीच पुतिन को प्रेस की ओर मुंह करके कुछ कहते और चिल्लाते हुए देखा गया लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उन्होंने क्या कहा। उनका यह रवैया दर्शाता है कि वे या तो इन सवालों से बचना चाहते थे या सीधे जवाब देने से परहेज कर रहे थे। बैठक के माहौल में यह क्षण तनावपूर्ण था और इससे यह संकेत भी मिला कि यूक्रेन युद्ध पर पुतिन का रुख अब भी अस्पष्ट और विवादास्पद बना हुआ है, भले ही वे अमेरिका के साथ उच्च-स्तरीय वार्ता की मेज पर बैठे हों।
उच्च-स्तरीय शिखर वार्ताएं आम तौर पर लंबे समय तक की गई गहन तैयारियों का परिणाम होती हैं, जहां दोनों पक्ष पहले से ही अधिकतर बारीकियों पर सहमति बना लेते हैं। लेकिन इस बार की अलास्का में आयोजित ट्रंप–पुतिन बैठक बहुत जल्दीबाजी में तय की गई है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे क्या नतीजे निकलेंगे और अमेरिका की वास्तविक अपेक्षाएं क्या हैं। ट्रंप का व्हाइट हाउस में वापसी के बाद से नारा खून-खराबा बंद करो रहा है। यह लक्ष्य मानवीय दृष्टि से अत्यंत आवश्यक और सराहनीय है, लेकिन युद्ध को खत्म करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता ढूंढना सिर्फ हिंसा रोकने से कहीं अधिक जटिल है। केवल लड़ाई रोकना भी आसान नहीं है, खासकर तब जब आपके सामने रूस के बेहद चालाक वार्ताकार व्लादिमीर पुतिन बैठे हों।
दोनों पक्ष कोशिश करेंगे कि बैठक के बाद वे इसे सफल घोषित कर सकें। ट्रंप फिलहाल युद्धविराम की बात कर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में पुतिन केवल बहुत सीमित समय के लिए संघर्षविराम पर सहमत हुए हैं। उम्मीद है कि उन्होंने कुछ ऐसे शब्द तैयार कर रखे होंगे, जिससे लगे कि वे ट्रंप के साथ सहयोग कर रहे हैं, भले ही उनकी दीर्घकालिक रणनीति यूक्रेन पर प्रभुत्व जमाना बनी रहने वाली हो। बीबीसी की चीफ इंटरनेशनल करेस्पांडेट लिसी डॉसेट ने कहा शिखर बैठक राजनीतिक दिखावे तक सीमित रहेगी या फिर किसी ठोक नतीजे तक पहुंचेगी इस पर अभी कुछ भी कहना कठिन है।