Shivani Gupta
3 Nov 2025
Aakash Waghmare
2 Nov 2025
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। प्रदूषण से जुड़े मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच कर रही थी।
सीनियर एडवोकेट और न्यायमित्र अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि दिवाली के दिन 37 में से सिर्फ 9 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन ही लगातार काम कर रहे थे। उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए कहा- अगर मॉनिटरिंग स्टेशन काम नहीं करेंगे तो कैसे पता चलेगा कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कब लागू करना है? CAQM को स्पष्ट डेटा और एक्शन प्लान पेश करने का निर्देश दिया जाए।
सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली-NCR में पॉल्यूशन को गंभीर स्थति में पहुंचने से पहले इसे रोकने को लेकर कदमों के बारें में जानकारी ली। आगे कोर्ट ने कहा कि पॉल्यूशन के गंभीर स्तर तक पहुंचने का इंतजार न किया जाए बल्कि समय रहते कदम उठाए जाएं। गौरतलब है कि दिल्ली-NCR इलाकों में दिवाली के बाद से ही प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है। और वायु गुणवत्ता खराब क्वालिटी में चली जाती है। जिससे सांस स्वास्थ्य संबंधी सहित कई गंभीर बिमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं CAQM के वकील ने कहा कि मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी CPCB की है। इस जवाब पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने भरोसा दिलाया कि सभी एजेंसियां रिपोर्ट दाखिल करेंगी।
राजधानी दिल्ली में दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट दर्ज की गई। CPCB के अनुसार, दिवाली के बाद दिल्ली की हवा में प्रदूषण के छोटे-छोटे कण (PM2.5) का लेवल पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा बढ़ा है।
जहां दिवाली के अगले 24 घंटों बाद में हवा में PM2.5 लेवल 488 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया। हालांकि त्योहार से पहले यह 156.6 माइक्रोग्राम था। वहीं, साल 2021 में दिवाली के बाद दिल्ली में PM2.5 लेवल 454.5 था। यह 2022 में 168, 2023 में 319.7 और 2024 में 220 दर्ज किया गया था। इससे पहले प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए, शीर्ष अदालत ने 15 अक्टूबर को दिवाली के दौरान दिल्ली-NCR में ग्रीन पटाखों की सीमित बिक्री और उपयोग की अनुमति दी थी। हालांकि कोर्ट के आदेश के खिलाफ, दिल्ली-NCR में दिवाली में पूरी रात आतिशबाजी हुई।