
नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति केस में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है। राउज एवेन्यू कोर्ट में उन्हें गुरुवार (30 मई) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था। इस दौरान सुनवाई के बाद कोर्ट ने मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत को 6 जुलाई तक बढ़ा दिया है।
जेल में बंद हैं मनीष सिसोदिया
पिछले साल 26 फरवरी को सीबीआई दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। तभी से वे सिसोदिया जेल में हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने कई बार उनकी पेशी भी हुई, लेकिन उन्हें अब तक राहत नहीं मिली।
पहले भी कैंसिल हो चुकी है याचिका
इससे पहले भी 2 अप्रैल को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। तब सिसोदिया ने कोर्ट से कहा था कि, मुझे जेल में रखने से कोई फायदा नहीं है। दिल्ली शराब नीति मामले में मेरे खिलाफ जांच पहले ही पूरी हो चुकी है। मेरी तरफ से जांच में बाधा डालने या सबूत मिटाने की कोई संभावना नहीं है। सिसोदिया ने स्पेशल जज एम के नागपाल से यह भी कहा था कि अगर अदालत उन्हें जमानत देने का फैसला करती है तो वह अदालत की किसी भी शर्त का पालन करने को तैयार हैं।
सिसोदिया की एक चिट्ठी आई थी सामने
5 अप्रैल को सिसोदिया की एक चिट्ठी सामने आई थी। उन्होंने यह चिट्ठी 15 मार्च को अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के लोगों के लिए लिखी थी। जिसे आम आदमी पार्टी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 5 अप्रैल को जारी की।
सिसोदिया ने इस चिट्ठी में लिखा, जेल में रहने के बाद आप सबके प्रति मेरा प्यार और बढ़ गया है। आपने मेरी पत्नी सीमा का बहुत ख्याल रखा। सीमा आप सबके बारे में बात करते हुए भावुक हो जाती है। आप सभी अपना ख्याल रखें। मैं आप सब लोगों से जल्द ही बाहर मिलूंगा। शिक्षा क्रांति जिंदाबाद।
कई बार खारिज हुई जमानत याचिका
- सिसोदिया ने ED मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे 28 अप्रैल, 2023 को खारिज कर दिया गया था।
- CBI मामले में उनकी जमानत याचिका 31 मार्च, 2023 को खारिज हुई थी।
- इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने ED मामले में उनकी जमानत याचिका को 3 जुलाई, 2023 और CBI मामले में 30 मई, 2023 को खारिज की थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर, 2023 सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
क्या है पूरा मामला ?
दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।
नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।
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