Shivani Gupta
30 Nov 2025
Naresh Bhagoria
30 Nov 2025
श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में 10 जगहों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली लाल किला कार ब्लास्ट और जैश के अंतरराज्यीय व्हाइट कॉलर नेटवर्क से जुड़े संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए की गई। मुख्य रेड शोपियां के नदिगाम गांव, पुलवामा के मलंगपोरा और संबूरा, काजीगुंड और अन्य इलाकों में की गई। एनआईए की टीमें टेरर फाइनेंसिंग और ब्लास्ट से जुड़े सबूतों की तलाश कर रही हैं।
एनआईए ने तलाशी के दौरान कई प्रमुख संदिग्धों के घरों को निशाना बनाया-
शोपियां, नदिगाम: मौलवी इरफान वागे
पुलवामा, मलंगपोरा: डॉ. अदील और डॉ. मुअजम्मिल
संबूरा, पुलवामा: आमिर राशिद
काजीगुंड: जसीर बिलाल वानी (उर्फ दानिश)
टीमें ऐसे सबूत तलाश रही हैं जो दिल्ली ब्लास्ट और जैश व्हाइट कॉलर मॉड्यूल से जुड़े हों।
जसीर बिलाल वानी 10 नवंबर के लाल किला कार ब्लास्ट में मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल था, उसे दानिश के नाम से भी जाना जाता है। जसीर पर आरोप है कि, उसने धमाके के लिए ड्रोन और रॉकेट बनाने की तैयारी में टेक्निकल सपोर्ट दिया। शुरुआती जांच में वह आतंकी उमर के साथ काम कर रहा था, जो आत्मघाती हमलावर बना।
मौलवी इरफान वागे को एनआईए ने कड़ी निगरानी में रखा है। एजेंसी का मानना है कि, वह जैश के व्हाइट कॉलर नेटवर्क और दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ी अहम कड़ी है। शोपियां में उसके घर पर तलाशी के दौरान परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई और संबंधित सबूत जुटाए गए।
एनआईए का उद्देश्य घाटी में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करना और टेरर फाइनेंसिंग के रास्तों को रोकना है। एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के अलावा लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर और फरीदाबाद को भी ‘कोर जोन’ घोषित किया है, ताकि आतंकवादी गतिविधियों की जांच को और मजबूत किया जा सके।
इस कार्रवाई से न केवल लाल किला धमाके के मुख्य आरोपी पकड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि जैश के अंतरराज्यीय नेटवर्क और व्हाइट कॉलर मॉड्यूल का पर्दाफाश भी होगा। एनआईए की यह कार्रवाई भारत में आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश मानी जा रही है।