नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव अब एक भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ (Cyclone Montha) में तब्दील हो गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि यह चक्रवात 28 अक्टूबर की शाम या रात को काकीनाडा के पास, मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश तट को पार कर सकता है। इस दौरान हवाओं की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
आईएमडी के अनुसार, रविवार रात 11:30 बजे दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर यह चक्रवात बना। फिलहाल यह चेन्नई से 640 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, काकीनाडा से 710 किमी दक्षिण-पूर्व, विशाखापत्तनम से 740 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और गोपालपुर से 860 किमी दक्षिण में स्थित है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 12 घंटों में यह और मजबूत होकर भीषण चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा और उत्तर-उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा।
चक्रवात मोंथा के प्रभाव से कई राज्यों में बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। IMD के मुताबिक-
आईएमडी ने आंध्र प्रदेश के 23 जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें नेल्लोर, प्राकासम, भट्टल, कृष्णा, वेस्ट गोदावरी, ईस्ट गोदावरी और विजयवाड़ा प्रमुख हैं। 27 से 29 अक्टूबर तक इन इलाकों में बाढ़, तेज हवाओं और भारी बारिश का खतरा रहेगा। ओडिशा के तटीय इलाकों- गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर और बालासोर में भी अलर्ट जारी किया गया है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने 27 से 31 अक्टूबर तक कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित की है। ओडिशा में 28 और 29 अक्टूबर, जबकि तमिलनाडु में भी चेन्नई, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम और रानीपेट जिलों में स्कूल और कुछ कॉलेज बंद रखे जाएंगे। नीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे निचले और तटीय इलाकों से दूर रहें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।
आईएमडी ने चेन्नई, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम और रानीपेट के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यहां तेज बारिश और 70 किमी/घंटा तक की हवाएं चलने की संभावना है। साथ ही तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरों और किसानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से बात कर चक्रवात की स्थिति की जानकारी ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बताया कि केंद्र सरकार राज्य प्रशासन के साथ निरंतर संपर्क में है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश को पीएमओ से सीधे समन्वय का जिम्मा दिया गया है।
सीएम नायडू ने सभी जिला कलेक्टरों और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां भारी बारिश और बाढ़ की आशंका है, वहां पहले से राहत और बचाव इंतजाम किए जाएं। उन्होंने कहा कि बिजली, संचार और परिवहन व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष टीमें तैनात की जाएं। राज्य सरकार ने नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) और स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) की टीमें भी तैनात कर दी हैं।
आईएमडी ने मछुआरों को मंगलवार से गुरुवार तक समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी है। जो मछुआरे पहले से गहरे समुद्र में हैं, उन्हें सोमवार तक तट पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं। समुद्र में लहरों की ऊंचाई 3-4 मीटर तक पहुंचने की संभावना है।
मोंथा चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल के कई जिलों में मंगलवार से शुक्रवार तक तूफानी मौसम रहेगा। दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर में भारी बारिश, कोलकाता, हावड़ा, झारग्राम में गरज और तेज हवाएं। जबकि बीरभूम, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया और बर्दवान में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है। उत्तर बंगाल के मालदा, दिनाजपुर, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों में भी गुरुवार से बारिश शुरू हो सकती है।