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Cryptocurrency: भारत में लीगल नहीं होंगी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी, वित्त सचिव बोले- नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं

क्रिप्टो करेंसी को लेकर वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बुधवार को बड़ा बयान दिया है। सोमनाथन ने कहा कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें निवेश से होने वाले नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।

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RBI का डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा, जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। सोमनाथन ने कहा कि पैसा आरबीआई (RBI) का होगा, लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। सोमनाथन ने कहा कि आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, इसके कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे।

ये कानूनी निविदा नहीं बनेंगे

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि बिटकॉइन, एथेरियम या एनएफटी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेंगे। सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो संपत्तियां ऐसी संपत्तियां हैं जिनका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाएगा। आप सोना, हीरा, क्रिप्टो खरीद सकते हैं, लेकिन उसके पास सरकार द्वारा मूल्य प्राधिकरण नहीं होगा।

कमाई पर देना होगा 30 फीसदी टैक्स

दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर अब 30 फीसदी टैक्स लगाए जाने की घोषणा की है। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन करने पर 1 फीसदी का टीडीएस भी लगेगा। वित्त मंत्री ने साफ किया कि आरबीआई की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा। जबकि बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एसेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा।

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