क्रिप्टोकरेंसी बिल के लिए कुछ समय और इंतजार करना पड़ सकता है। भारत में इसके प्रती रुझान को देखते हुए इसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा एक बिल तैयार किया गया। ऐसा कहा जा रहा था कि इस शीतकालीन सत्र में इसे पेश किया जाएगा और पास कराया जाएगा। वहीं हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 23 दिसंबर को समाप्त होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में बहुप्रतीक्षित क्रिप्टोकरेंसी कानून पेश नहीं किया जाएगा। बिल का संसद के दोनों सदनों के एजेंडे में भी कोई जिक्र नहीं है।
क्रिप्टो बिल पर काम अभी भी जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के प्रस्तावित फ्रेमवर्क पर विचार कर रही है। इसका मतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र में योजना के अनुसार बिल पेश नहीं किया जाएगा। अभी इसमें और बदलाव किए जा सकते हैं। वहीं खबरों के मुताबिक सरकार ने क्रिप्टो पर नियम-कानूनों को ग्लोबल फ्रेमवर्क के अनुरूप रखने को कहा है। क्रिप्टोकरेंसी बिल पर अभी भी काम चल रहा है और सरकार अभी भी नियामक प्रावधानों को अंतिम रूप दे रही है।
क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक
पहले रिपोर्ट आई थी कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक “क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021” शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है। जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने और भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) की डिजिटल करेंसी को विनियमित करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने की बात कही गई है।
इस विधेयक में क्या है
भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियम हैं। इस प्रस्तावित विधेयक में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है।
क्रिप्टोकरेंसी पर RBI सख्त
पीएम मोदी ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। साथ ही इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाने के संकेत भी दिए थे। वहीं आरबीआई भी इसे लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है।
पीएम ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कही थी ये बात
पीएम मोदी ने बीते शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा होस्ट की गई लोकतंत्र के लिए समिट में सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा था कि, हमें इनका उपयोग लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए करना चाहिए न कि इसे कमजोर करने के लिए। इसी के चलते उन्होंने इसके लिए वैश्विक मानदंडों को आकार देने के लिए एकजुट प्रयासों का आह्वान किया था।