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पशुपालन विभाग का नाम अब गौपालन विभाग, प्रदेश में हर जिले में बनेगा ‘आदर्श वृंदावन गांव’, CM डॉ. मोहन यादव ने की बड़ी घोषणाएं

भोपाल। मुख्यमंत्री निवास में शुक्रवार को आयोजित प्रदेश स्तरीय गौशाला सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कई बड़ी घोषणाएं कीं। इस अवसर पर उन्होंने ऐलान किया कि अब पशुपालन विभाग का नाम बदलकर ‘पशुपालन एवं गौपालन विभाग’ किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश को दूध की राजधानी बनाया जाएगा। इस सम्मेलन में प्रदेशभर के गौशाला संचालक शामिल हुए।

गौशालाओं के लिए 90 करोड़ से अधिक की राशि अंतरित

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा करते हुए बताया कि गौशालाओं में मौजूद गोवंश के लिए 90 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की गई है। इसके साथ ही गोपालकों को सम्मानित कर पुरस्कार भी वितरित किए गए। उन्होंने कहा, “गांव और गाय का अटूट संबंध है। अमूल सहकारिता का आदर्श बन चुका है, मप्र को दूध उत्पादन में नंबर वन बनाना है।”

गोवंश के लिए अनुदान राशि दोगुनी

मुख्यमंत्री ने गौवंश आहार के लिए दी जाने वाली राशि को 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए प्रतिदिन कर दिया है। इसमें से 5 रुपए मजदूरी के रूप में भी उपयोग किए जा सकेंगे। वर्ष 2025-26 के लिए 505 रुपए करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है, जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अब तक 267.78 करोड़ रुपए की अनुदान राशि गौशालाओं को दी जा चुकी है।

भैंस के साथ अब गाय का दूध भी खरीदेगी सरकार

सीएम डॉ. मोहन ने कहा, हमने भैंस के साथ अब गाय का दूध भी उन्हीं दरों पर खरीदने का निर्णय लिया है। कांग्रेस को इस पर मिर्ची लगी है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकारों ने गाय के दूध को नजरअंदाज कर भैंस के दूध को बढ़ावा दिया ताकि डेयरियों में आसानी से मिलावट हो सके।

दूध का उत्पादन बढ़ाया जाएगा

मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि हर जिले में एक ‘आदर्श वृंदावन गांव’ विकसित किया जाएगा, जहां गोसेवा और गोपालन को आदर्श बनाया जाएगा। साथ ही दूध संकलन समितियों की संख्या बढ़ाकर 26 हजार की जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में साढ़े 5 करोड़ लीटर दूध उत्पादन होता है, जिसे और बढ़ाने की योजना है।

कामधेनु योजना भी हुई शुरू

पशुपालन और डेयरी विभाग ने कामधेनु योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 25 से 200 दुधारू पशुओं पर आधारित डेयरी स्थापित की जाएगी। SC/ST और महिलाओं को 33% और अन्य को 25% अनुदान मिलेगा। वर्तमान में 2150 गौशालाओं में 4 लाख गोवंश को डीबीटी के माध्यम से अनुदान दिया जा रहा है।

प्रदेश में बन रही हैं आधुनिक गौशालाएं

मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर जैसे नगर निगमों में 5,000 से अधिक निराश्रित गोवंश के लिए सर्व-सुविधायुक्त आधुनिक गौशालाएं बनाई जा रही हैं।

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