Aakash Waghmare
18 Oct 2025
Aditi Rawat
18 Oct 2025
Aakash Waghmare
18 Oct 2025
People's Reporter
18 Oct 2025
भोपाल। धनतेरस पर किसानों को बड़ी सौगात मिली है। अब सोलर पंप के लिए उन्हें सिर्फ 10% कीमत चुकानी होगी, बाकी 90% राशि सरकार देगी। 3 हॉर्स पावर कनेक्शन वाले किसान भी योजना का लाभ उठा सकेंगे। साथ ही, फसलें सड़कों पर नहीं जाएंगी, सरकार ही खरीदेगी। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों किसान उपस्थित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि पहले आपदा के समय किसानों को सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही राहत राशि प्राप्त होती थी। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने इस प्रणाली में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सोयाबीन की फसल अभी हाल ही में कटी है, लेकिन उसके नुकसान की भरपाई की राशि पहले ही किसानों के खातों में पहुंच चुकी है। जैसे-जैसे किसानों से संबंधित जानकारी प्राप्त हो रही है, वैसे-वैसे राहत राशि सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जा रही है।
24 अक्टूबर से 15 जनवरी तक भावांतर योजना लगातार चलेगी। इस बार सरकार ने सभी किसानों को योजना का सीधा लाभ देने का निर्णय लिया है। अब तक 9 लाख से ज्यादा किसानों ने सोयाबीन के लिए पंजीयन कराया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना किसानों को बाजार में गिरते दामों से बचाने का प्रभावी माध्यम है।
राजगढ़ के ब्यावरा में सीएम ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को सिंगल क्लिक के जरिए 277 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की। उन्होंने कहा कि अब राहत के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा, जैसे ही नुकसान की जानकारी आती है, राहत राशि तुरंत किसानों के खातों में पहुंचाई जाती है।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अब किसानों को सोलर पंप पर सिर्फ 10% राशि देनी होगी, बाकी 90% सरकार वहन करेगी। पहले यह हिस्सा 40% किसानों को देना पड़ता था। चाहे किसान का कनेक्शन 3 हॉर्स पावर का हो या 5 एचपी, सभी को एक समान लाभ मिलेगा।
सीएम ने कहा कि भाई दूज से लाड़ली बहनों को अब हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे। अभी तक उन्हें 1250 रुपये मिलते थे। सरकार महिलाओं की आर्थिक मजबूती के लिए यह राशि सीधे उनके खातों में भेजेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में गेहूं का समर्थन मूल्य अब 2600 रुपये क्विंटल है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि जब 2005 में यह कीमत 500 रुपये थी, तब से अब तक यह सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सीएम यादव ने कहा कि नदी जोड़ो परियोजनाओं जैसे केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक से प्रदेश में सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इससे खेतों को पर्याप्त पानी मिलेगा और फसल उत्पादन में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी अतिरिक्त फसलें फेंकनी न पड़ें, इसके लिए सरकार जगह-जगह फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाएगी। इससे किसानों की उपज का उचित दाम मिलेगा और नुकसान से राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि किसान धूप, बारिश, ओला-बाढ़ में जान की बाजी लगाकर अन्न उगाते हैं। उनकी सेवा जीवन का सबसे बड़ा पुण्य है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने ही पहली बार एक किसान पुत्र को मुख्यमंत्री बनाया है, जो कांग्रेस कभी नहीं कर सकी।
सीएम ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 1956 से 2003 तक सिंचाई रकबा सिर्फ साढ़े सात लाख हेक्टेयर था और गेहूं का दाम महज 500 रुपये क्विंटल तक पहुंच सका। बीजेपी सरकार ने ही इसे नए मुकाम तक पहुंचाया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गोवर्धन पूजा को अब शासकीय त्यौहार के रूप में मनाया जाएगा। साथ ही श्रीराम के ओरछा धाम को भव्य रूप देने और राम वनगमन पथ को विकसित करने की योजनाएं भी चल रही हैं।
कार्यक्रम में सीएम यादव ने कहा कि यह मुख्यमंत्री निवास नहीं, किसानों का आवास है। यह सरकार हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़ी है और आगे भी उनके लिए नई योजनाएं लाई जाएंगी।
सीएम मोहन यादव की घोषणाएं यह संकेत देती हैं कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश में किसानों के लिए योजनाओं का दायरा और भी बड़ा होगा। भावांतर योजना, आपदा राहत, सोलर पंप सब्सिडी, फसल समर्थन मूल्य और फूड प्रोसेसिंग जैसे कदम किसानों को न सिर्फ राहत देंगे, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाएंगे।