
नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से महज चार दिन पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के 8 विधायकों ने इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। इन विधायकों का कहना है कि उन्हें चुनाव में टिकट नहीं मिला, साथ ही पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
5 फरवरी को मतदान, AAP को होगा नुकसान
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होना है और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले AAP विधायकों का पार्टी छोड़कर भाजपा में जाना आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।
AAP विधायक ऋतुराज झा ने भाजपा पर इन विधायकों को लालच देने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें भी AAP छोड़ने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
क्यों दिया विधायकों ने इस्तीफा
AAP ने 21 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच 5 सूचियों में कुल 70 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए थे। इसमें 26 विधायकों के टिकट काट दिए गए थे, जबकि 4 की सीट बदली गई थी। इससे पार्टी के अंदर असंतोष बढ़ गया था। पार्टी छोड़ने के कारणों के पीछे सभी विधायकों ने कारण भी बताएं हैं।
- नरेश यादव (महरौली विधायक) ने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। AAP ने खुद भ्रष्ट लोगों को पार्टी में शामिल कर लिया है, यह जनता भी देख रही है।
- पवन शर्मा (आदर्श नगर विधायक) ने कहा कि आम आदमी पार्टी अब अपनी मूल विचारधारा से भटक चुकी है। इसकी वर्तमान स्थिति देखकर दुख होता है।
- भूपेंद्र सिंह जून (बिजवासन विधायक) ने कहा कि AAP की स्थापना जिन नैतिक मूल्यों पर हुई थी, वे अब कहीं नजर नहीं आते। पार्टी अपराधियों को टिकट दे रही है।
- मदनलाल (कस्तूरबा नगर विधायक) ने कहा कि मुझे अब AAP पर कोई भरोसा नहीं है, इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।
- रोहित मेहरौलिया (त्रिलोकपुरी विधायक) ने कहा कि जिन्हें सिर्फ बाबासाहेब अंबेडकर की फोटो चाहिए, लेकिन उनके विचार नहीं, मैं ऐसे दिखावटी लोगों के साथ नहीं रह सकता।
- राजेश ऋषि (जनकपुरी विधायक) ने कहा कि AAP पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के नाम पर बनी थी, लेकिन अब यह भाई-भतीजावाद का गढ़ बन चुकी है।
- भावना गौड़ (पालम विधायक) ने कहा कि अब मुझे पार्टी से कोई उम्मीद नहीं है, इसलिए मैं इस्तीफा दे रही हूं।
- गिरीश सोनी ने कहा पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से पूरी तरह भटक चुकी है। अब इसकी दिशा गलत हो चुकी है।
सीलमपुर विधायक ने सबसे पहले छोड़ी थी AAP
सीलमपुर के विधायक अब्दुल रहमान ने 10 दिसंबर को AAP से इस्तीफा दे दिया था। जब पार्टी ने 21 नवंबर को अपनी पहली प्रत्याशी सूची जारी की, तो उनका नाम नहीं था। इसके बाद उन्होंने खुलकर अरविंद केजरीवाल की आलोचना की।
उन्होंने कहा था कि मुझे बिना किसी कारण टिकट नहीं दिया गया। केजरीवाल खुद ही पार्टी को खत्म करने पर तुले हुए हैं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के प्रति बेरुखी दिखाई है।
70 सीटों पर 699 उम्मीदवारों की टक्कर
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं। विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। ऐसे में यह चुनाव केजरीवाल सरकार के लिए अहम साबित होने वाला है।
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