
नई दिल्ली। भारत न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए तैयार है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के लिए 20,000 करोड़ रुपए के भारी-भरकम बजट का ऐलान किया। इस क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार एटॉमिक एनर्जी एक्ट और सिविल लाइबलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट में संशोधन करने को भी तैयार है।
2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि भारत 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। यह कदम देश के एनर्जी ट्रांजिशन यानी पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से स्वच्छ ऊर्जा की ओर बदलाव का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
उन्होंने कहा, “2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक है।”
2033 तक 5 छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर होंगे तैयार
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि भारत आने वाले 8 वर्षों में यानी 2033 तक 5 छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर विकसित करके उन्हें चालू कर लेगा। इससे देश के ऊर्जा उत्पादन में परमाणु ऊर्जा का योगदान बढ़ेगा और कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी।
निजी क्षेत्र के लिए खुलेगा परमाणु ऊर्जा क्षेत्र
परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में अब तक निजी निवेशकों की भूमिका सीमित थी, लेकिन इस बार सरकार ने इसे बदलने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों को भी शामिल करेगी।
उन्होंने कहा, “हम न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में निजी निवेशकों की भागीदारी को सुगम बनाने के लिए एटॉमिक एनर्जी एक्ट और सिविल लाइबलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट में बदलाव करेंगे।”
20,000 करोड़ रुपए से स्थापित होगा न्यूक्लियर एनर्जी मिशन
सरकार ने 20,000 करोड़ रुपए की राशि से एक परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित करने की घोषणा की है। इस मिशन के तहत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (Small Modular Reactors – SMRs) के रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) को बढ़ावा दिया जाएगा।
क्या है भारत में परमाणु ऊर्जा की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में भारत की बिजली उत्पादन क्षमता 462 गीगावाट है, लेकिन इसमें परमाणु ऊर्जा का योगदान मात्र 8 गीगावाट ही है। इस बजट में किए गए ऐलान के बाद भारत के परमाणु ऊर्जा उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी।
क्या होते हैं स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर (SMRs)
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) छोटे आकार के न्यूक्लियर रिएक्टर होते हैं, जो पारंपरिक परमाणु संयंत्रों की तुलना में कम बिजली उत्पादन करते हैं, लेकिन अधिक लचीले और सुरक्षित होते हैं। ये छोटे आकार के होते हैं। पारंपरिक रिएक्टर जहां 1000 मेगावाट बिजली पैदा कर सकते हैं, वहीं SMRs 300 मेगावाट तक बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। इन्हें कारखानों में तैयार करके अन्य स्थानों पर ले जाकर इंस्टॉल किया जा सकता है। इन रिएक्टरों को ग्रिड से दूरदराज के इलाकों में बिजली आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
वहीं, SMRs के निर्माण में कम समय और कम लागत लगती है, जिससे बिजली उत्पादन जल्दी शुरू किया जा सकता है। SMRs में पैसिव सेफ्टी सिस्टम होते हैं, जिससे ये किसी भी आपात स्थिति में ऑटोमेटिक बंद हो सकते हैं, बिना बाहरी ऊर्जा या मानव हस्तक्षेप के।
‘GYAN’ पर सरकार का फोकस
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में यह भी कहा कि सरकार का फोकस ‘GYAN’ (गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति) पर है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और इस बजट के माध्यम से नए भारत के निर्माण की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
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