Garima Vishwakarma
10 Dec 2025
पीपुल्स टीम, भोपाल। 21 दिसंबर को हमारा मेट्रो का सपना पूरा होने वाला है। कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरआस) के ग्रीन सिग्नल के के बाद सीएम डॉ. यादव ने इसके संचालन के लिए तारीख तय की है। लेकिन मेट्रो की शुरुआत फिलहाल आधी-अधूरी सी होगी। पीपुल्स समाचार ने प्रायोरिटी कॉरिडोर के सभी आठ स्टेशनों की पड़ताल की। स्टेशन अभी भी पूरी तरह तैयार नही हैं। यहां सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की ही है। मेट्रो स्टेशनों पर सिर्फ पिक एंड ड्रॉप की व्यवस्था ही रहेगी। यानी, यात्री किसी गाड़ी से उतर और चढ़ सकेगा, लेकिन अपने वाहन यहां खड़े नहीं कर सकेगा।
प्रायोरिटी कॉरिडोर का रूट 6.22 किलोमीटर लंबा है। इसमें कुल 8 स्टेशन- सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, बोर्ड ऑफिस, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम तिराहा, अलकापुरी और एम्स शामिल हैं।
सुभाष नगर स्टेशन : स्टेशन पर काम लगभग पूरा हो गया है। नीचे सड़क का काम भी लगभग पूरा हो गया। हालांकि पार्किंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए अलग जगह तलाशी जा रही है। गार्ड तैनात किए गए हैं, ताकि कोई ऊपर न जा सके। स्टेशन के यहां कॉमर्शियल स्पेस तैयार किया जाए।
बोर्ड ऑफिस स्टेशन : यहां भी फिनिशिंग का काम चल रहा है। साफ-सफाई न होने से पिलर में जाले लग रहे हैं, पार्किंग के लिए अलग से जगह बनाई जा रही है। मॉल की तरफ उतरने वाली आर्म भी कम्पलीट नहीं है। - एमपी नगर : यहां अभी पेविंग ब्लॉक लगाने का काम चल रहा है। मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं। पार्किंग के लिए सड़क के दूसरी ओर जगह तलाशी जा रही है। यात्रियों को सड़क पार कर स्टेशन तक पहुंचना होगा।
आरकेएमपी : यहां काम लगभग पूरा हो चुका है। इस स्टेशन पर ज्यादा फुटफॉल होगा, ऐसे में पार्किग की व्यवस्था ना होने पर समस्या बढ़ जाएगी। यहां आने वाले लोग सड़क के किनारे की अपने वाहन पार्क करेंगे।
स्टेट बैंक मैदा मिल ...एक तरफ का प्लेटफार्म तैयार है, यहां सड़क इतनी संकरी है कि एक साथ ज्यादा कई यात्रियों के वाहन आने पर पिक एंड डॉप से भी जाम लगेगा। दूसरा प्लेटफार्म तैयार करने में दो से तीन महीने और लगेंगे।
डीआरएम : स्टेशन का काम तो पूरा हो गया, सिर्फ फिनिशिंग बची है। सड़क पूरी तरह खुदी हुई है। अभी गिट्टी का काम चल रहा है। 10 दिन में इसे पूरा करना सबसे बड़ी चुनौती है। स्टेशन का दूसरा हिस्सा अभी भी अधूरा ही है, अब तक सिर्फ स्ट्रक्चर ही बन पाया है।
अलका पुरी : यहां प्लेटफार्म भी अधूरा है। सड़क पर भी निर्माण सामग्री पड़ी हुई है। इसे पूरी तरह तैयार करने में दो से तीन महीने लग सकते हैं। दोनों ओर के प्लेटफार्म अधूरे हैं। यहां सड़क भी जर्जर ही है।
एम्स : मरीजों के एम्स की ओर वाला गेट तो तैयार हो गया, लेकिन साकेत नगर तरफ वाले गेट में अभी काम बाकी है। सड़क के किराने अतिक्रमण बड़ी समस्या है। दूसरी ओर पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है।