Aditi Rawat
15 Nov 2025
Aditi Rawat
15 Nov 2025
Naresh Bhagoria
15 Nov 2025
भोपाल। राजधानी के पिपलानी इलाके में पिछले एक साल से किराए के मकान में भारतीय मुद्रा के 500-500 रूपए के जाली नोटों का छापाखाना चल रहा था। आरोपी युवक ने कई सालों तक एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करने के बाद प्लास्टिक और पेपर प्रिंटिंग के काम में हुनर हासिल किया। इसके बाद जब उसे उसके हुनर के मुताबिक काम नहीं मिला तो वह ज्यादा पैसा कमाने के लिए नकली नोटों की छपाई करने लगा। पुलिस ने आरोपी के पास से 500 के रूपए के 451 जाली नोट कुल 2 लाख 25 हजार 500 रूपए बरामद किए हैं। इसके साथ ही आरोपी के छापाखाना से नोट छापने के उपकरण, कम्प्यूटर, कटर, कागज, प्रिंटर समेत अन्य सामान जब्त किया है।

एडिशनल डीसीपी जोन-2 गौतम सोलंकी ने बताया कि शुक्रवार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि शांति नगर निजामुद्दीन कॉलोनी में एक संदिग्ध युवक 500-500 रूपए के जाली नोट खपाने के लिए खड़ा है। इसके बाद पुलिस टीम ने घेराबंदी कर संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया। मौके पर ही तलाशी लेने पर उसकी पेंट की जेब से 500-500 के 23 जाली नोट मिले, जो असली नोट से मिलाने पर हूबहू असली नोट की तरह ही दिखाई दे रहे थे। पुलिस ने जब उसका मोबाइल चेक किया तो उसमें जाली नोट बनाने के उपकरणों से संबंध में पुख्ता जानकारी मिली, मोबाइल में कुछ फोटो और वीडियो में मिले, जिसमें उक्त युवक जाली नोट बताने हुए और बात करते हुए दिखाई दे रहा था।

पुलिस ने युवक को थाने लाकर पूछताछ की तो उसकी पहचान ए-12 कोरल लाईफ फेस-2 मुरली नगर करोंद निशातपुरा निवासी विवेक यादव पुत्र मनोज यादव(21) के रूम में की गई। आरोपी विवेक यादव मूल रूप से ग्राम जमुआ धरमेर थाना मईल जिला देवरिया उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर उसके किराए के मकान से 500-500 के 428 जाली नोट बरामद किए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने जाली नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला सामान और अन्य जरूरी उपकरण भी बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपी के पास से 2 लाख 25 हजार 500 रूपए के कुल 451 जाली नोट बरामद किए हैं। सभी नोट 500 रूपए के हैं।
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पूर्व में करीब दस साल तक एक प्रिंटिंग प्रेस में काम कर चुका है, यहीं उसे प्रिंटिंग का हुनर सीखा। लेकिन उसके हुनर की कहीं कदर नहीं तो वह ज्यादा पैसा कमाने के लिए अपने इस हुनर से 500 रूपए के जाली नोट छापने लगा। वह पिछले एक साल में करीब आठ लाख रूपए के जाली नोट छाप चुका है, इसमें से पौने छह लाख रूपए वह भोपाल के बाजारों में चला चुका है।