Manisha Dhanwani
7 Dec 2025
हैदराबाद। बाबरी मस्जिद विध्वंस की 33वीं वर्षगांठ पर देशभर में एक बार फिर बाबरी मस्जिद की राजनीति गरमाई। तहरीक मुस्लिम शब्बन ने ग्रेटर हैदराबाद में Babri Masjid Memorial के निर्माण का ऐलान किया है। इसके साथ ही इस परिसर में समाज कल्याण के लिए वेलफेयर संस्थान भी स्थापित किए जाएंगे। वहीं पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने भी बाबरी मस्जिद जैसी संरचना की नींव रखी। इस कदम ने देशभर में बाबरी मस्जिद से जुड़ी बहस को फिर से उभार दिया है।
मुश्ताक मलिक ने कहा कि, Babri Masjid Memorial का उद्देश्य केवल ऐतिहासिक स्मारक नहीं, बल्कि समाज हित के लिए एक कल्याणकारी केंद्र भी बनाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि, शिलान्यास समारोह में सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे और यह स्थल नफरत का नहीं, बल्कि प्रेम और भाईचारे का प्रतीक होगा।
उन्होंने कहा कि, जल्द ही निर्माण की प्रक्रिया और समयसीमा का ऐलान किया जाएगा। मलिक ने जोर देकर कहा कि, बाबर के नाम से किसी को परेशान नहीं होना चाहिए और यह स्मारक केवल ऐतिहासिक और सामाजिक उद्देश्य के लिए है।
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मुश्ताक मलिक ने यह भी कहा कि, बाबर को मुद्दा बनाकर राजनीति की जा रही है। उनके अनुसार, अयोध्या में बाबरी मस्जिद के निर्माण में बाबर की कोई प्रत्यक्ष भूमिका या आर्थिक मदद का प्रमाण नहीं है। उन्होंने दावा किया कि, यह केवल राजनीतिक प्रोपेगैंडा है, जिसका उद्देश्य देश में धार्मिक विभाजन पैदा करना है। मलिक ने तुलसीदास की रामचरितमानस का हवाला देते हुए कहा कि यह ग्रंथ बाबरी मस्जिद बनने के लगभग 60 साल बाद लिखा गया था और इसमें राम मंदिर तोड़े जाने का कोई जिक्र नहीं है।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में TMC से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद जैसी संरचना की आधारशिला रखी। उनके समर्थक ईंटें लेकर शिलान्यास स्थल पर पहुंचे। इस कदम ने देशभर में बाबरी मस्जिद को लेकर राजनीतिक और सामाजिक बहस को और बढ़ा दिया है।
कबीर ने कहा कि, यह पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया है और संविधान के तहत मुसलमानों को मस्जिद बनाने का अधिकार है। उन्होंने बताया कि, इस परियोजना में हॉस्पिटल, गेस्टहाउस और मीटिंग हॉल जैसी सुविधाएं भी शामिल होंगी।
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