अहमदाबाद। कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी का 86 वर्ष की उम्र में अहमदाबाद में निधन हो गया है। वह अपनी बेटी के साथ जुहापुरा इलाके में रह रही थीं। जकिया जाफरी का आज सुबह निधन हुआ। उनके बेटे ने बताया कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी, लेकिन उम्र के कारण उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। आज सुबह जब वह बोल नहीं पा रही थीं, तो डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर ने जांच करने के बाद उनके निधन की पुष्टि कर दी।
कौन थीं जकिया जाफरी
जकिया जाफरी, कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी थीं, जिनकी हत्या 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में हुए दंगों के दौरान कर दी गई थी। एहसान जाफरी के साथ उस हमले में 68 अन्य लोगों की भी जान चली गई थी।
इस घटना के बाद, जकिया जाफरी ने 2006 से गुजरात सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया, जिसमें उन्हें मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड़ का भी समर्थन मिला।
गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार
गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के दंगों के दौरान 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी पर उग्र भीड़ ने हमला किया था। इस हमले में कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी समेत 68 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद, जकिया जाफरी ने गुजरात सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की। 2006 में उन्होंने गुजरात सरकार और प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज करवाया। 2012 में SIT ने 63 लोगों को क्लीन चिट दे दी। 2013 में जकिया जाफरी ने SIT की रिपोर्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी। 2017 में गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। 2021 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी लड़ाई जारी रखी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इस कानूनी लड़ाई के दौरान जकिया जाफरी को कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों का समर्थन मिला।
असदुद्दीन ओवैसी ने दी श्रद्धांजलि
जकिया जाफरी के निधन पर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, "जकिया जाफरी ने 2002 में अपने पति की भीड़ द्वारा हत्या होते हुए देखी थी। लगभग दो दशकों तक, उन्होंने भारत के कुछ सबसे शक्तिशाली लोगों के खिलाफ अकेले कानूनी लड़ाई लड़ी और कभी डर नहीं दिखाया। आज उनका निधन हो गया। अल्लाह उनकी आत्मा को शांति और उनके चाहने वालों को शक्ति दे।"
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