
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादियों के हमले में कम से कम 18 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई है। यह हमला उस वक्त हुआ जब पाकिस्तानी सेना बलूच अलगाववादियों के खिलाफ अभियान के लिए जा रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कलात जिले में 70 से 80 लड़ाकों ने पुलिस और सेना के वाहनों को घेरकर उन पर हमला कर दिया।
पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, इस हमले में 23आतंकवादी भी मारे गए हैं। सेना ने दावा किया कि बलूचिस्तान में आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा और इस घटना के दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
बलूचिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमले
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बलूचिस्तान के कई जिलों में पाकिस्तानी सैनिक अलगाववादियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। पिछले 24 घंटों में ही सुरक्षा बलों ने अलग-अलग अभियानों में 23 आतंकवादियों को मार गिराया है। रिपोर्ट्स में इस हमले के पीछे बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि BLA ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी
बलूचिस्तान में कई अलगाववादी संगठन सक्रिय हैं, लेकिन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे ताकतवर और संगठित संगठन माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह संगठन 1970 के दशक में अस्तित्व में आया लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव तेजी से बढ़ा है।
क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी का मकसद
बलूच लिबरेशन आर्मी का मकसद बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करना है। इसके साथ ही, पाकिस्तान और चीन की मौजूदगी का विरोध व बलूचिस्तान के संसाधनों पर स्थानीय लोगों के अधिकार का समर्थन करना है।
BLA का दावा है कि 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद बलूचिस्तान को जबरदस्ती पाकिस्तान में शामिल किया गया। उनका मानना है कि बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में रहना चाहिए था।
पाकिस्तान सरकार ने BLA को आतंकी संगठन क्यों किया घोषित
पाकिस्तान सरकार ने 2007 में बलूच लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था। पाकिस्तान का कहना है कि यह संगठन सुरक्षा बलों और सरकारी प्रतिष्ठानों पर लगातार हमले कर रहा है।
बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी हमले बढ़े
पाकिस्तान बलूचिस्तान में बलूच विद्रोहियों और खैबर पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों से संघर्ष कर रहा है।
नवंबर 2022 में पाकिस्तान सरकार और TTP के बीच संघर्ष विराम समझौता टूट गया। इसके बाद से पाकिस्तान में आतंकी हमलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। 2024 में पाकिस्तान में कुल 444 आतंकी हमले हुए। इन हमलों में 685 सैनिकों की जान गई। 2023 की तुलना में आतंकी घटनाओं में 63% की बढ़ोतरी हुई। 2024 में हर दिन औसतन 7 लोग आतंकी हमलों में मारे गए। यह पिछले एक दशक में पाकिस्तानी सेना के लिए सबसे घातक साल रहा।
पाकिस्तान सरकार ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को काबू में करने के लिए कई कदम उठाए, लेकिन सभी नाकाम रहे।
पाकिस्तान सरकार के नाकाम प्रयास
पहले बातचीत कर संघर्ष विराम कायम करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा। फिर अफगानिस्तान सरकार पर TTP का समर्थन बंद करने का दबाव डाला, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। नवंबर 2023 में 5 लाख से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को देश से निकाल दिया, लेकिन आतंकी घटनाएं नहीं रुकीं।
क्या बलूचिस्तान में पाकिस्तान की पकड़ हो रही कमजोर
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा और संसाधनों से भरपूर प्रांत है, लेकिन यहां सरकार का प्रभाव बेहद कमजोर हो चुका है। बलूच अलगाववादियों की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर BLA लगातार हमले कर रहा है। पाकिस्तान की सेना और सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ रहे हैं।
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