Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
उज्जैन। लोग कहते हैं कि आस्था से सब कुछ संभव है, लेकिन जब यही आस्था अंधविश्वास बन जाती है, तो बहुत नुकसान कर सकती है।उज्जैन से एक ऐसा अंधविश्वास का मामला सामने आया है, जहां अंधविश्वास की वजह से एक महिला को बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया। इस महिला पर लोगों ने भूत-प्रेत का साया होने का आरोप लगाया। उसे जंजीरों से बांधकर पीटा गया, उसके माथे पर गर्म सिक्का चिपकाया गया और हथेलियों पर आग रख दी गई।
घंटों तक उसे तंग किया गया, ताकि उसके अंदर से 'भूत' निकाला जा सके। बताया जा रहा है कि महिला शादीशुदा है, लेकिन बेटा नहीं होने के कारण उसका पति उसे छोड़कर चला गया। इसके बाद महिला को अंधविश्वास का शिकार बनाया गया। यह मामला बताता है कि अंधविश्वास आज भी हमारे समाज में कितना खतरनाक रूप ले सकता है।
उज्जैन से करीब 70 किलोमीटर दूर खाचरोद तहसील के श्रीवच गांव में एक 22 वर्षीय महिला उर्मिला चौधरी के साथ अंधविश्वास के नाम पर हैरान कर देने वाली अमानवीय घटना सामने आई है। उर्मिला उज्जैन शहर के जूना सोमवारिया इलाके में रहती है और अगरबत्ती फैक्ट्री में काम करती है।
उर्मिला की तबीयत अक्सर खराब रहती थी। इसी का बहाना बनाकर उसके रिश्तेदारों ने दावा किया कि उस पर भूत-प्रेत का साया है और झाड़फूंक जरूरी है। 29 सितंबर को नवरात्रि की सप्तमी के दिन उसे उसकी मां हंसा बाई के साथ गांव बुलाया गया।
गांव पहुंचने पर उसे एक कमरे में ले जाया गया, जहां दीवारों पर भगवान की तस्वीरें थीं। उर्मिला ने पुलिस को बताया कि एक महिला सुगा बाई चुनरी ओढ़कर, हाथ में खप्पर और तलवार लेकर आई और कहा कि उर्मिला पर चुड़ैल का साया है।
उर्मिला के विरोध करने के बावजूद किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। वहां मौजूद दो पुरुष और एक महिला ओझा बनकर झाड़फूंक करने लगे, जबकि पांच अन्य लोग उनकी मदद कर रहे थे। झाड़फूंक के नाम पर उर्मिला के सिर पर जंजीर से वार किया गया, उलटी तलवार से पीठ पर मारा गया, जलती बाती हथेलियों पर रखी गई और गर्म सिक्का उसके माथे पर चिपका दिया गया। यह प्रताड़ना रात 9:30 बजे से आधी रात तक चली।
जब उर्मिला बेहोश हो गई तब जाकर उसे छोड़ा गया। अगली सुबह गांव के उपसरपंच ने उसकी मदद की और उसे उज्जैन पहुंचाया। हालत गंभीर होने के कारण वह तुरंत पुलिस थाने नहीं जा सकी, लेकिन बाद में अपनी मां के साथ महिला थाने पहुंची और पूरी घटना बताई।