Mithilesh Yadav
12 Oct 2025
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि एक बार फिर यह साबित करती है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हालात बेहद चिंताजनक हैं। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं।
घटना 10 अक्टूबर की रात करीब 8 से 9 बजे के बीच हुई। ओडिशा की रहने वाली 23 वर्षीय छात्रा अपने पुरुष दोस्त के साथ डिनर के लिए निकली थी। जैसे ही दोनों कॉलेज कैंपस के गेट पर पहुंचे, वहां पहले से खड़े तीन युवकों ने उन्हें रोका। उन्होंने छात्रा का मोबाइल छीन लिया और जबरदस्ती उसे बाल पकड़कर कैंपस के सामने स्थित जंगल की ओर घसीटकर ले गए।
इस दौरान छात्रा का दोस्त मौके से भाग निकला और पुलिस को सूचना दी। तीनों आरोपियों ने जंगल में छात्रा से गैंगरेप किया और घटना किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। बाद में उन्होंने मोबाइल लौटाने के लिए पैसे की मांग भी की।
पुलिस के पहुंचने पर छात्रा को तुरंत एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। दुर्गापुर की एसडीओ रंजना रॉय ने अस्पताल जाकर पीड़िता से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि “छात्रा की स्थिति अब स्थिर है और उसकी मां उसके साथ हैं।” पीड़िता के परिवार ने अपने बयान में आरोप लगाया कि, उसकी महिला साथी के साथ गया दोस्त और उसके कुछ परिचित भी इस वारदात में शामिल हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस उन सभी से पूछताछ कर रही है।
असनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के न्यू टाउनशिप थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के जंगल में रातभर तलाशी अभियान चलाया। मोबाइल नेटवर्क को ट्रैक कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फरार दो आरोपियों की तलाश के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई गई है। सभी आरोपियों के मोबाइल फोन और कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। साथ ही, मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों और छात्रा के दोस्तों से भी पूछताछ जारी है।
पुलिस ने घटनास्थल और कॉलेज परिसर में लगे CCTV कैमरों की फुटेज जब्त कर ली है। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं। पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 (D) (गैंगरेप), 506 (धमकी) और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फ्रंट (WBDF) ने इस घटना को "शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल" बताया है और न्यायिक जांच की मांग की है। वहीं, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने इस घटना की निंदा की है और कहा, “हम पीड़ित परिवार के साथ हैं। पश्चिम बंगाल सरकार से कहा गया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त और अनुकरणीय कार्रवाई की जाए।”
घटना के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने कहा- “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को अपराधियों और बलात्कारियों का सुरक्षित ठिकाना बना दिया है।”
वहीं, बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने पश्चिम बर्धमान में प्रदर्शन के दौरान कहा, “अब बंगाल में कोई भी सुरक्षित नहीं है न बच्ची, न बुजुर्ग और न ही छात्रा।”
दूसरी ओर राज्य की मंत्री शशि पांजा ने बीजेपी पर इस संवेदनशील घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि “सरकार अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शेगी नहीं।”
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं पर अपराध के मामलों में पश्चिम बंगाल देश के टॉप-5 राज्यों में शामिल है।
उत्तर प्रदेश: 66,381 केस
महाराष्ट्र: 47,101 केस
राजस्थान: 45,450 केस
पश्चिम बंगाल: 34,691 केस
मध्य प्रदेश: 32,342 केस
यह घटना पिछले साल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप-मर्डर केस की याद दिलाती है, जिसमें एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी। उस केस में आरोपी सिविक वॉलंटियर को जनवरी 2025 में उम्रकैद की सजा दी गई थी।