Mithilesh Yadav
13 Oct 2025
वृंदावन। प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की तबीयत बिगड़ने की खबर के बाद देशभर में उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई जा रही थी। कई प्रमुख हस्तियों ने सोशल मीडिया पर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। अब उनकी तबीयत में काफी सुधार है, और इसी बीच आज बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्री राधा हित केलि कुंज आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और उनका आशीर्वाद लिया।
धीरेंद्र शास्त्री और प्रेमानंद महाराज के बीच यह भेंट प्रेमभाव और आध्यात्मिक संवाद का प्रतीक रही। शास्त्री जी ने महाराज जी की तबीयत के बारे में विस्तार से जानकारी ली और उनके शीघ्र पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की। प्रेमानंद महाराज ने भी पंडित शास्त्री के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वे भगवत ज्ञान के माध्यम से समाज को भगवान से जोड़ने का पुण्य कार्य कर रहे हैं।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का वृंदावन दौरा सार्वजनिक नहीं था, यह एक निजी यात्रा थी। हालांकि, जैसे ही भक्तों को उनके आगमन की जानकारी मिली, बड़ी संख्या में अनुयायी श्री राधा हित केलि कुंज आश्रम के बाहर एकत्र हो गए। लोग शास्त्री जी के दर्शन करने को उत्साहित दिखे और आश्रम परिसर के बाहर भारी भीड़ देखने को मिली।
इस अवसर पर धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेमानंद महाराज को बताया कि वे 'सनातन एकता यात्रा' की शुरुआत करने जा रहे हैं, जो दिल्ली से वृंदावन तक पैदल निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के शुभारंभ से पहले आपका आशीर्वाद लेना मेरे लिए अत्यंत आवश्यक है। यह यात्रा 7 नवंबर से शुरू होकर 16 नवंबर 2025 तक चलेगी। इसका उद्देश्य सनातन धर्म की एकता और आध्यात्मिक जागरण को जन-जन तक पहुंचाना है।
इस महत्वपूर्ण भेंट से एक दिन पहले प्रसिद्ध कथावाचक श्री पुण्डरीक गोस्वामी जी भी अपनी धर्मपत्नी के साथ प्रेमानंद महाराज से मिलने उनके आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने भी महाराज जी की तबीयत का हालचाल जाना और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
प्रेमानंद महाराज और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यह मुलाकात सनातन परंपरा के दो प्रमुख स्तंभों के बीच प्रेम, श्रद्धा और आध्यात्मिक सहयोग का प्रतीक बनी। यह भेंट न केवल भक्तों के लिए एक प्रेरणा बनी, बल्कि सनातन धर्म की एकता और जनजागरण के मार्ग में एक महत्वपूर्ण कदम भी सिद्ध हुई। आगामी ‘सनातन एकता यात्रा’ इस भाव को और सुदृढ़ करने का प्रयास करेगी।