
इंटरनेशनल डेस्क। व्लादिमीर पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं। 15-17 मार्च को हुई वोटिंग में पुतिन को 88% वोट मिले। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रूस में तीन दिवसीय राष्ट्रपति चुनाव बेहद नियंत्रित माहौल में पूरा हुआ। बता दें कि पुतिन के ज्यादातर आलोचक जेल में हैं। वहीं, राष्ट्रपति चुनाव की जीत के बाद पुतिन ने तीसरे विश्व युद्ध को लेकर बड़ी बात कही है।
राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद पुतिन का संदेश
पुतिन के विरोधी निकोले खारितोनोव को 4% वोट मिले। वहीं, व्लादिस्लाव दावानकोव और लियोनिद स्लटस्की तीसरे और चौथे नंबर पर रहे। चुनाव के रिजल्ट घोषित होने के बाद पुतिन ने कहा- अब रूस और भी ज्यादा ताकतवर और प्रभावशाली बनेगा।
तीसरे विश्व युद्ध से एक कदम दूर है दुनिया : पुतिन
पुतिन ने अपनी स्पीच में रूस-नाटो विवाद को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी नेतृत्व वाला सैन्य संगठन नाटो और रूस आमने-सामने हुए तो दुनिया तीसरे विश्व युद्ध से एक कदम दूर होगी। मुझे नहीं लगता की कोई भी ऐसा चाहेगा।
बता दें कि 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से रूस-यूक्रेन युद्ध ने पश्चिम के साथ मॉस्को के संबंधों में सबसे गंभीर तनाव पैदा कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुतिन ने अक्सर परमाणु युद्ध के खतरों के संकेत दिए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि उन्होंने कभी भी यूक्रेन में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना जरूरी नहीं समझा है।
पहली बार 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे पुतिन
पुतिन पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे, वे 2008 तक इस पद पर रहे। फिर 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति मेदवेदेव ने अपनी पार्टी से पुतिन को एक बार फिर प्रेसिडेंट कैंडिडेट के लिए नॉमिनेट किया और चुनाव में पुतिन ने जीत हासिल की और वो सत्ता में लौट आए। तब से अब तक वे राष्ट्रपति पद पर हैं।
2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं पुतिन
रूसी संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता। इसके चलते 8 मई 2008 को पुतिन ने अपने पीएम दिमित्री मेदवेदेव को रूस का राष्ट्रपति बनवाया और खुद पीएम बन गए थे। वहीं, 2008 में दिमित्री ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया।
इसके बाद 2012 में पुतिन फिर से रूस के राष्ट्रपति बने। 2014 में पुतिन ने क्रीमिया पर हमला करके उस पर कब्जा कर लिया। जनवरी 2020 में पुतिन ने संविधान संशोधन के जरिए दो टर्म तक राष्ट्रपति रहने की सीमा खत्म कर दी। जिसके बाद पुतिन के 2036 तक राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया। इससे पुतिन सोवियत संघ पर करीब तीन दशकों तक राज करने वाले स्टालिन से आगे निकल जाएंगे।
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