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Priyanshi Soni
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Aakash Waghmare
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ट्रम्प ने ईरान को भी चेतावनी दी है, जो हूती विद्रोहियों को वित्तीय और सैन्य समर्थन प्रदान करता है। ट्रम्प ने कहा "ईरान, तुम हूती आतंकियों को समर्थन देना बंद करो। अमेरिका तुम्हारे खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा। हम इसे हल्के में नहीं लेंगे।" उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका पर होने वाले हमले वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हैं और इससे बेगुनाह लोगों की जान भी जोखिम में है।
अमेरिकी हमले के बाद हूती विद्रोहियों ने अल-मसीराह टीवी चैनल पर बयान जारी कर कहा कि वे अमेरिका के हमले का जवाब देंगे। हूती के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी सेनाएं पूरी तरह तैयार हैं, और अगर अमेरिका हमारी तरफ से किए गए हमलों का बदला लेने की कोशिश करता है, तो हम भी उसी स्तर पर जवाब देंगे।
हूती विद्रोही यमन में 2014 से सक्रिय हैं। इनका संघर्ष यमन की शिया-सुन्नी विवाद से जुड़ा हुआ है, जो 2011 के अरब क्रांति के बाद तेज हुआ। हूती विद्रोहियों ने 2014 में यमन की सुन्नी सरकार के खिलाफ विद्रोह शुरू किया और धीरे-धीरे देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। 2015 में यह विद्रोही सरकार को निर्वासन में जाने पर मजबूर करने में सफल रहे। हूती विद्रोहियों को ईरान से समर्थन मिलता है, जबकि यमन की सरकार को सऊदी अरब का समर्थन प्राप्त है।
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