Aditi Rawat
4 Nov 2025
बरेली। बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के बरेली स्थित घर पर फायरिंग करने वाले दोनों बदमाशों को बुधवार रात गाजियाबाद में पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। कार्रवाई के बाद दिशा पाटनी के पिता और रिटायर्ड DSP जगदीश पाटनी ने CM योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और यूपी पुलिस की तत्परता के लिए धन्यवाद दिया।
गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी इलाके में नोएडा STF, दिल्ली और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम ने बदमाश रविंद्र (रोहतक) और अरुण (सोनीपत) को घेर लिया। दोनों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था और ये रोहित गोदारा व गोल्डी बराड़ गैंग से जुड़े पेशेवर शूटर थे।
शाम 7:22 बजे चेकिंग के दौरान बाइक सवार दोनों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में 15 मिनट तक मुठभेड़ चली और करीब 25-30 राउंड गोलियां चलीं। दोनों बदमाश सीने में गोली लगने से घायल हुए और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
फायरिंग में STF और पुलिस टीम के चार जवान घायल हुए। इनमें एसआई रोहित और हेड कांस्टेबल कैलाश को गोली लगी, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए। पुलिस की गाड़ी पर भी गोलियां दागी गईं। मौके से पुलिस ने ग्लॉक और जिगाना पिस्टल, कारतूस और सफेद अपाचे बाइक बरामद की। यही बाइक बदमाशों ने बरेली फायरिंग में इस्तेमाल की थी।
एनकाउंटर के बाद जगदीश पाटनी ने वीडियो जारी कर कहा, “मैं CM योगी और यूपी पुलिस का आभारी हूं। जैसा CM सर ने कहा था कि अपराधी चाहे कहीं भी हों, उन्हें ढूंढकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, वैसा ही हुआ। यूपी पुलिस भयमुक्त समाज की परिकल्पना को साकार कर रही है।”
12 सितंबर की सुबह बाइक सवार दो बदमाशों ने बरेली में दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग की थी। उस वक्त घर में उनकी बहन खुशबू पाटनी, पिता और मां मौजूद थे। दिशा पाटनी मुंबई में थीं। घटना के बाद घर के बाहर से दो खाली कारतूस बरामद हुए।
फायरिंग की जिम्मेदारी रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ गैंग ने ली थी। उन्होंने फेसबुक पर लिखा था कि यह सिर्फ “ट्रेलर” है और अगली बार किसी को जिंदा नहीं छोड़ा जाएगा।
दरअसल, दिशा पाटनी की बहन और पूर्व आर्मी ऑफिसर खुशबू पाटनी ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और संत प्रेमानंद महाराज के विवादित बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। खुशबू ने वीडियो में कहा था कि, ऐसे कथावाचक समाज और धर्म को नीचा दिखाते हैं। इसी बयान से नाराज होकर गैंग ने हमले की जिम्मेदारी ली।
STF की इस कार्रवाई के बाद यूपी पुलिस के मुठभेड़ों का रिकॉर्ड भी चर्चा में है। पिछले 8 सालों में प्रदेश में 14 हजार से ज्यादा मुठभेड़ हुईं, जिनमें 239 अपराधी मारे गए, 9,467 के पैरों में गोली लगी और 30,694 अपराधी गिरफ्तार हुए।