Shivani Gupta
19 Sep 2025
पाकिस्तान ने चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में बलोचिस्तान से जुड़े दो संगठनों – बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसकी मिलिट्री विंग मजीद ब्रिगेड – को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था।
इस प्रस्ताव को चीन ने समर्थन दिया, लेकिन अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मिलकर वीटो कर दिया। अमेरिका ने साफ कहा कि पाकिस्तान ने जिन धाराओं के तहत प्रस्ताव रखा है, वो इस मामले में लागू नहीं होतीं।
अमेरिका ने पिछले महीने ही बीएलए और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, मजीद ब्रिगेड बीएलए का ही हिस्सा है। यह कदम उस समय संतुलन के तौर पर देखा गया था क्योंकि अमेरिका ने पहलगाम हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े टीआरएफ को भी आतंकी करार दिया था।
यूएन में अमेरिका ने तकनीकी आधार पर बलोच संगठनों पर बैन लगाने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान और चीन की यह कोशिश नाकाम रही।
गौरतलब है कि जब भी भारत जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर या लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव लाता है, तो चीन हमेशा वीटो लगाकर रोक देता है।
वहीं, बलोच लिबरेशन आर्मी ने कहा है कि उसके लड़ाके आतंकी नहीं बल्कि मातृभूमि के रक्षक हैं। उनका दावा है कि बलोचिस्तान में हमले पाकिस्तानी सेना की दमनकारी नीतियों के खिलाफ किए जाते हैं। बीएलए इस साल मई में पाकिस्तान की जाफर एक्सप्रेस हाईजैक कर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आया था।