नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत को 'डेड इकॉनमी' कहे जाने के बयान ने देश में सियासी भूचाल ला दिया है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस टिप्पणी को सही ठहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को अडाणी जैसे उद्योगपतियों के लिए बर्बाद कर दिया है।
राहुल गांधी ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मुझे खुशी हुई कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने सच बोला। भारत की अर्थव्यवस्था वाकई में डेड हो चुकी है। पूरी दुनिया जानती है कि भाजपा सरकार ने अडाणी की मदद करने के लिए देश की इकोनॉमी को चौपट कर दिया है।"
राहुल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई जानता है कि भारत की आर्थिक स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि मोदी की नीतियों ने युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर दिया है और एमएसएमई सेक्टर पूरी तरह से खत्म हो चुका है।
राहुल गांधी ने देश की आर्थिक स्थिति के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री की "गलत नीतियों" को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा - "नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी, असफल 'असेम्बल इन इंडिया' अभियान, एमएसएमई का सफाया और किसानों की दुर्दशा - ये सब मोदी सरकार की देन है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सिर्फ एक व्यक्ति यानी अडाणी के लिए काम करती है और देश के बाकी उद्योगों और कारोबारों को खत्म कर रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि न सिर्फ आर्थिक नीति, बल्कि विदेश और रक्षा नीति भी पूरी तरह विफल हो चुकी है। "चीन लगातार भारत के खिलाफ आक्रामक है, अमेरिका भारत को भला-बुरा कह रहा है और पाकिस्तानी सेना प्रमुख अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ लंच कर रहे हैं। ऐसे में विदेश मंत्री की ‘शानदार विदेश नीति’ की बातें खोखली लगती हैं।" राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रम्प या चीन का नाम अपने भाषणों में लेने से भी डरते हैं।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा- “मुझे फर्क नहीं पड़ता कि रूस और भारत अपनी डेड इकोनॉमी को कैसे संभालते हैं।” इसके अलावा ट्रम्प ने 30 जुलाई को एक और बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भारत रूस से हथियार और तेल खरीद रहा है, इसलिए अमेरिका 1 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाएगा। ट्रम्प ने यह भी कहा कि भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा काफी अधिक है, इसलिए यह कदम जरूरी हो गया है।