Aditi Rawat
10 Nov 2025
Manisha Dhanwani
10 Nov 2025
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने डेमोक्रेटिक राज्यों में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर एक और बड़ा झटका देते हुए लगभग 11 अरब डॉलर की अतिरिक्त फंडिंग रोक दी है। यह निर्णय उस समय लिया गया जब अमेरिका में सरकारी शटडाउन लगातार जारी है और कांग्रेस में डेमोक्रेट्स तथा रिपब्लिकन्स के बीच समझौता नहीं हो पा रहा है। व्हाइट हाउस के बजट निदेशक रसेल वॉट ने बताया कि यह रोक मुख्य रूप से लो प्रायोरिटी यानी कम प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट्स पर लगाई गई है, जिनमें न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को, बोस्टन और बाल्टीमोर जैसे बड़े शहरों के विकास कार्य शामिल हैं। वॉट के अनुसार, ये प्रोजेक्ट्स भविष्य में पूरी तरह रद्द भी किए जा सकते हैं।
इस निर्णय से मैसाचुसेट्स राज्य के दो पुराने पुलों पर भी असर पड़ा है, जो केप कॉड नहर पर हैं और हर साल लाखों यात्रियों द्वारा उपयोग किए जाते हैं। इन पुलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए लगभग 600 मिलियन डॉलर की राशि स्वीकृत थी। हालांकि मैसाचुसेट्स की गवर्नर मौरा हीली और राज्य के सीनेटरों ने कहा कि उन्हें अब तक संघीय सरकार की ओर से किसी आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। उनके अनुसार यह प्रोजेक्ट कांग्रेस द्वारा पहले ही द्विदलीय सहमति से स्वीकृत और विधिसम्मत तरीके से फंड किया गया है। व्हाइट हाउस के प्रबंधन एवं बजट कार्यालय (बीएमओ) ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि संघीय सरकार के आर्मी कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स के प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकताओं को पुनः व्यवस्थित किया जाए।
इससे पहले भी ट्रंप प्रशासन ने लगभग 28 अरब डॉलर की राशि विभिन्न परिवहन और ऊर्जा परियोजनाओं में रोक रखी थी, जो मुख्यतः डेमोक्रेट-नियंत्रित राज्यों में चल रही थीं। इसे राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा कांग्रेस के डेमोक्रेट नेताओं पर दबाव डालने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है ताकि वे चल रहे शटडाउन को समाप्त करने पर सहमत हों। ट्रंप ने अपने बयान में कहा है कि वे डेमोक्रेट एजेंसियों के खर्च में कटौती करेंगे और लगभग 4,100 संघीय नौकरियों को खत्म करने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। उनका उद्देश्य राजनीतिक विपक्ष पर दबाव बढ़ाना और उन्हें “राजनीतिक तौर पर नुकसान” पहुँचाना बताया जा रहा है। ओएमबी के अनुसार जिन प्रोजेक्ट्स पर रोक लगी है, उनमें सैन फ्रांसिस्को का वॉटरफ्रंट पार्क, कैलिफोर्निया में एक्वाटिक हैबिटेट की बहाली, और न्यूयॉर्क सिटी की जल एवं सीवेज प्रणाली से जुड़े कार्य शामिल हैं।
इनमें से केवल न्यूयॉर्क राज्य में ही करीब 7 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे। अन्य प्रभावित राज्यों में इलिनॉय, मैरीलैंड, ओरेगन, न्यू मैक्सिको, न्यू हैम्पशायर, मैसाचुसेट्स, न्यू जर्सी, रोड आइलैंड और डेलावेयर शामिल हैं-ये सभी वे राज्य हैं जिन्होंने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के खिलाफ वोट दिया था। ओएमबी ने यह भी कहा कि इनमें से कई प्रोजेक्ट ऐसे सैंक्चुअरी जुरिस्डिक्शन्स में हैं जिन्होंने ट्रंप प्रशासन की कठोर आव्रजन नीतियों का विरोध किया था। इस कारण, यह कदम न केवल वित्तीय बल्कि राजनीतिक रूप से भी एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन अपने विरोधी डेमोक्रेटिक राज्यों पर आर्थिक दबाव डालकर उन्हें झुकाने की कोशिश कर रहा है। यह विवाद अमेरिकी राजनीति में और तनाव पैदा कर रहा है तथा शटडाउन की स्थिति को और लंबा खींचने का खतरा बढ़ा रहा है।