
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन प्रशासन पर भारत में चुनावों को प्रभावित करने का बड़ा आरोप लगाया है। ट्रंप ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने भारत में मतदान बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर (करीब 182 करोड़ रुपए) खर्च किए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर इस फंडिंग की जरूरत क्यों पड़ी और क्या इसके जरिए बाइडेन किसी खास उम्मीदवार को जिताने की कोशिश कर रहे थे? इस खुलासे के बाद भारत में भी राजनीतिक घमासान छिड़ गया है।
ट्रंप ने उठाए गंभीर सवाल
डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब रूस महज कुछ डॉलर खर्च कर अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश करता है, तो इसे एक बड़ी साजिश करार दिया जाता है। लेकिन भारत में बाइडेन प्रशासन द्वारा करोड़ों डॉलर खर्च किए गए और इस पर कोई चर्चा तक नहीं हुई। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि इस मामले पर पूरी जानकारी ली जाए और इसे गंभीरता से देखा जाए।
DOGE की रिपोर्ट से खुलासा
दरअसल, ट्रंप का यह बयान अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (Department of Government Efficiency – DOGE) की हालिया रिपोर्ट के बाद आया है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) ने भारत में वोटिंग टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया था। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बांग्लादेश में राजनीतिक हालात मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर खर्च किए गए।
बांग्लादेश में हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने की साजिश के आरोप लग चुके हैं, जिससे इस रिपोर्ट की गंभीरता और बढ़ जाती है। ट्रंप के इस बयान से अमेरिका और भारत के संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।
भारत में सियासी घमासान शुरू
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारत में राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। भाजपा ने इसे भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में बाहरी हस्तक्षेप करार दिया और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह विदेशी ताकतों द्वारा भारत की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश थी।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि विदेशी संस्थाओं द्वारा भारतीय संस्थानों में व्यवस्थित घुसपैठ की जा रही है और इसमें जॉर्ज सोरोस जैसे लोग शामिल हो सकते हैं, जो कांग्रेस और गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। भाजपा का मानना है कि यह भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला है।
कांग्रेस ने की जांच की मांग
कांग्रेस ने इस मामले में पलटवार करते हुए कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में किसी भी तरह का विदेशी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस ने मोदी सरकार से यह भी मांग की कि पिछले कुछ दशकों के दौरान USAID द्वारा भारत में किए गए सभी फंडिंग के विवरण सार्वजनिक किए जाएं। पार्टी का कहना है कि अगर अमेरिका ने इस तरह के फंड पहले भी दिए हैं, तो उन पर भी जांच होनी चाहिए।
राहुल गांधी पर भाजपा का निशाना
कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा पर यह आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार बना रही है। कांग्रेस का कहना है कि अगर विदेशों से कोई मदद दी भी गई है, तो इसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन भाजपा इसे राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल कर रही है। गौरतलब है कि राहुल गांधी पहले भी कई बार विदेशों में जाकर भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने की अपील कर चुके हैं, जिस पर भाजपा ने उन्हें घेरने की कोशिश की थी।
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